परभणी में संविधान के अपमान को लेकर तनाव, हिंसा भड़क उठी, इंटरनेट बंद_फोर्स तैनात

महाराष्ट्र के परभणी जिले में संविधान के अपमान को लेकर हिंसा भड़क उठी है, जिससे पूरे शहर में तनाव फैल गया है. प्रदर्शनकारी संविधान का अपमान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और उन्हें फांसी की सजा देने की मांग उठाई जा रही है. इस दौरान कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं, और सड़कों पर भारी विरोध प्रदर्शन देखे गए.

आंदोलनकारियों की मांग है कि संविधान का अपमान करने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए. स्थिति को नियंत्रित में लाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए. एहतियान इंटरनेट बंद कर दी गई है. साथ बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी गई है.

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और भारी पुलिस बल तैनात किया है. कलेक्टर कार्यालय के पास अंबेडकरी अनुयायी और दलित संगठन के कार्यकर्ताओं ने सड़क और रेल रोको आंदोलन किया। स्थिति को काबू में रखने के लिए इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई और धारा 144 लागू कर दी गई है, जिससे बड़ी भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जा सके.

वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने इस हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि बाबासाहेब की प्रतिमा और संविधान का अपमान किया गया। उन्होंने कहा कि अगर अगले 24 घंटों के भीतर सभी उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

स्थानीय पुलिस ने अनाउंसमेंट करते हुए कहा है कि एक जगह पर पांच से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी. आईजी रैंक के अधिकारी शाहजी उमाप को घटना स्थल पर भेजा गया है.

राज्य सरकार ने इस घटना की गंभीरता को समझते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री ने संविधान के अपमान के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस और प्रशासन शांति बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं और नागरिकों से अपील की है कि वे कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में न लें.

जानिए_ क्या है पूरा मामला….

जानाकरी के मुताबिक, परभणी शहर में कलेक्टर कार्यालय के सामने डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति है. इस प्रतिमा के सामने संविधान की प्रति रखी हुई है. इस बीच मंगलवार (10 दिसंबर) की शाम को एक शख्स ने संविधान की प्रति को नुकसान पहुंचाया. इस बात की जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों को हुई तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और आरोपी शख्स की पिटाई कर दी.

वहीं सूचना मिलते ही नया मोंढा पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और शख्स को हिरासत में ले लिया. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास एकत्रित होकर आंदोलन शुरू कर दिया, जिसके बाद हिंसा बढ़ गई. ऐसे में शहर में धीरे-धीरे बवाल बढ़ता चला गया.

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