“कुमाऊं विश्वविद्यालय से कॉमर्स में डॉ. मेराज को डॉक्टरेट, माता-पिता और गुरु का जताया आभार”

डॉ. मेराज को कुमाऊं विश्वविद्यालय से कॉमर्स विषय में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। इस उपलब्धि पर उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने दिवंगत माता-पिता को देते हुए यह उपाधि उन्हें समर्पित की।

डॉ. मेराज ने अपने गुरु प्रोफेसर अतुल जोशी का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मार्गदर्शन उनके शोधकार्य की नींव है। उन्होंने कहा, “प्रोफेसर अतुल जोशी न केवल एक महान शिक्षक हैं, बल्कि एक अद्वितीय मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी हैं। उनके बिना यह सफलता संभव नहीं थी।” डॉ. मेराज ने उनके प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि प्रोफेसर जोशी का धैर्य और मार्गदर्शन हर विद्यार्थी के लिए आदर्श है।

इसके साथ ही, डॉ. मेराज ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार, अपने पूर्व सुपरवाइज़र डॉ. सी.डी. सूंठा, एमबीपीजी कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. सी.एस. जोशी, , डीएसबी कैंपस, नैनीताल के वाणिज्य विभाग के सभी गुरुजनों, स्टाफ के साथ सूचना वैज्ञानिक डॉ युगल जोशी को भी धन्यवाद दिया।
डॉ. मेराज ने अपनी पत्नी सय्यदा साहिबा के इस शोध के दौरान दिए गए अविस्मरणीय योगदान को भी याद किया और कहा कि उनके सहयोग और समर्पण के बिना यह सफलता संभव नहीं थी। उन्होंने अपने परिवार, सास-ससुर एवं डॉ. फख़रुद्दीन राही व अन्य शुभचिंतकों को भी उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
उनकी इस उपलब्धि पर उनके ससुर डॉ. मुह़म्मद नदीम, सास सय्यदा साहिबा, उस्मान सर, कामरान हुसैन रज़वी, मुहम्मद शहज़ाद, और शफात सिद्दीकी मुह़म्मद फ़ाज़िल, मुह़म्मद ज़की, हाफ़िज़ मोहम्मद यूसुफ़, इमरान रज़ा, उस्मान खान, शाहजे़ब क़ादरी, आबिद अंसारी जसपुर आदि
ने हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दी हैं।
डॉ. मेराज अब तक माइग्रेशन, फाइनेंस और इकोनॉमिक डेवलपमेंट जैसे विषयों पर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। उनके शोध-पत्र कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ग्रंथो में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें विदेशों से भी अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रण मिल चुका है। उनकी यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन बल्कि अकादमिक क्षेत्र में भी एक प्रेरणा है।