रामनगर में विधायक की ज़िद से संकट में भाजपा… ?

रामनगर। नगरपालिका अध्यक्ष चुनाव में विधायक दीवान सिंह बिष्ट की जिद से नगर अध्यक्ष मदन जोशी को टिकट दिलवाना चुनाव में भारी पड़ रहा है। पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ सात कद्दावर नेताओं के नामांकन और बड़े नेताओं द्वारा नामांकन और स्वागत कार्यक्रम से दूरी बनाने से संदेश साफ है कि भाजपा का चुनावी गणित गड़बड़ हो गया है।

भाजपा प्रत्याशी मदन जोशी विधायक दीवान सिंह बिष्ट के सबसे खास माने जाते हैं। वह उनके विधायक प्रतिनिधि होने के साथ ही नगर मंडल के अध्यक्ष भी हैं। संगठन और सरकार में विधायक श्री बिष्ट के वरदहस्त से उन्होंने अपने प्रतिद्वंदियों को पीछे करते हुए टिकट हाथिया लिया।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा जिला अध्यक्ष समेत पार्टी संगठन के आला पदाधिकारी को इस बात से अवगत करा दिया गया था कि मदन जोशी को टिकट मिलने पर यह स्थिति सामने आ सकती है, लेकिन उनकी एक ना सुनीं गई। इसके पीछे विधायक दीवान सिंह की एकतरफा जिद को वजह माना जा रहा है। इसके लिए सांसद अनिल बलूनी के नाम का इस्तेमाल किया गया और उन्हें बलूनी का करीबी बताते हुए पैरवी की गई।

जिनके आगे प्रदेश के नेता और मुख्यमंत्री चुप्पी साध गए। सूत्रों के मुताबिक नगरपालिका अध्यक्ष के लिए भाजपा नेता गणेश रावत और नरेंद्र शर्मा मजबूत दावेदार थे। नगर अध्यक्ष मदन जोशी ने खुद को सोशल मीडिया में दावेदारी से अलग बताया था। लेकिन अपने पद का इस्तेमाल करते हुए रायशुमारी में अपने पद का इस्तेमाल करते हुए पैनल में अपना नाम शामिल करवाया। फिर उन्हें अन्य दावेदारों पर तरजीह देकर टिकट दिया गया।

सूत्रों के अनुसार इसमें गोपनीय सर्वे रिपोर्ट और सोशल मीडिया सर्वे को महत्व नहीं दिया गया। सूत्रों के मुताबिक विधायक ने मदन जोशी के लिए लॉबिंग करते हुए जीत दिलाने का दावा किया था और अन्य दावेदारों के चुनाव हारने की बात कही थी। विधायक और सांसद की पैरवी के कारण मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन द्वारा टिकट घोषित होने के बाद रामनगर में पार्टी संगठन से जुड़े लोग सकते में आ गए और सात कद्दावर लोगों ने नामांकन दाखिल कर दिया। जिसने से कुछ ने प्रचार भी शुरू कर दिया है।

यह सब होने के बाद पार्टी संगठन के जिलाध्यक्ष समेत पदाधिकारी और विधायक ने डैमेज कंट्रोल शुरू किया तो नाराज नेताओं ने उन्हें खरी खरी सुना दी। ऐसे में भाजपा नगरपालिका की सीट बुरी तरह फंस गई है। ऐसे में विधायक और सांसद की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है।

गनीमत है कि कांग्रेस का प्रत्याशी सिंबल पर नहीं है।

अगर भागीरथ लाल चौधरी, गणेश रावत और नरेंद्र शर्मा के साथ ही अन्य दावेदार मैदान में बने रहे तो भाजपा के लिए लड़ाई तीसरे स्थान की हो जाएगी। अगर तीनों में से एक प्रत्याशी मैदान में रहा तो वह मुख्य मुकाबले में रहेगा। ऐसे में सांसद बलूनी, विधायक बिष्ट की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। सूत्रों के मुताबिक टिकट के खेल में विधायक की भूमिका से पार्टी नेता खास नाराज हैं और उनसे कोई वार्ता भी नहीं करना चाहते।

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