हल्द्वानी ।
रामनगर के सांवल्दे गांव में आदमखोर बाघ को पकड़ने और जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों पर प्रशासन द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए सभी मुकदमों को बिना शर्त वापस लेने की मांग की है।

भाकपा (माले) नैनीताल जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में क्षमता से अधिक बाघों की संख्या होने के कारण ग्रामीणों पर हमले बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद, प्रशासन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय आंदोलन कर रहे लोगों पर ही मुकदमा दर्ज कर रहा है, जो बेहद गलत और निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि सरकार और कॉर्बेट प्रशासन को बाघों के हमलों का संज्ञान लेकर समाधान निकालना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय आंदोलनरत जनता पर ही कानूनी कार्रवाई कर दी गई।
भाकपा (माले) का समर्थन
भाकपा (माले) ने सांवल्दे के ग्रामीणों द्वारा जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया है। पार्टी ने सभी मुकदमों को वापस लेने और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास बसे गांवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
इस मुद्दे पर ग्रामीणों में रोष है और आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी जा रही है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।
