इस्लामी विद्वानों और महिलाओं के लिए ख़ास सत्र, रमज़ान की बरकतों को संजोने का बेहतरीन मौक़ा
हल्द्वानी: रमज़ान इस्लाम धर्म में बेहद अहम और पाक महीना माना जाता है। यह महीना नेकी, इबादत और तज़क्की (आत्मिक शुद्धि) का होता है, जिसमें हर मोमिन अपने आमाल को संवारने और तक़वा हासिल करने की कोशिश करता है। इसी सिलसिले में, जमाते इस्लामी हद की महिला सदर जेबा ने जानकारी दी कि Ladies Wing, Jamaat e Islami Hind, Haldwani के ज़ेरे एहतमाम “इस्तक़बाल-ए-रमज़ान” नामी एक ख़ुसूसी प्रोग्राम का एहतमाम किया जा रहा है।

इस जलसे का मक़सद
इस जलसे का मक्सद सिर्फ़ रमज़ान के रोज़ों और इबादत के तरीक़ों को समझाना नहीं, बल्कि यह भी बताना है कि इस पूरे महीने को कैसे एक नेक और पाक ज़िन्दगी की राह बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाए। इस मुबारक जलसे में रमज़ान की रूहानी अहमियत, उसके असल मक़सद और उससे मिलने वाली रहमतों पर रोशनी डाली जाएगी।
कार्यक्रम की तफ़्सीलात
- तारीख: 20 फरवरी 2025 (गुरुवार)
- वक़्त: दोपहर 3:00 बजे से 5:00 बजे तक
- मक़ाम: ए-वान-ए-ज़हूर मैरिज हॉल, हल्द्वानी
प्रोग्राम की ख़ास बातें
इस जलसे में रमज़ान से मुताल्लिक़ कई अहम मौज़ूआत पर इस्लामी उलमा और ख़वातीन मुतकल्लिमीन (वक्ताओं) की तरफ़ से ख़ास तक़रीरें पेश की जाएँगी, जिनमें शामिल हैं:
- रमज़ान: नेकीयों का मौसम और बहार
- रमज़ान को किस तरह से अपनी ज़िन्दगी का बेहतरीन और पाक तरीक़ा बना सकते हैं, इस पर रोशनी डाली जाएगी।
- मक़सद-ए-सियाम: हुसूल-ए-तक़वा
- रोज़े का असली मक़सद सिर्फ़ भूखे-प्यासे रहना नहीं, बल्कि खुदा का ख़ौफ़ और परहेज़गारी (तक़वा) हासिल करना है। इस बारे में तफ़्सीली गुफ़्तगू होगी।
- हम रमज़ान कैसे गुज़ारें?
- रमज़ान को सिर्फ़ इबादत तक महदूद रखने के बजाय अपनी पूरी ज़िन्दगी को नेकी और दीनी अमल से कैसे जोड़ें, इस पर अहम बातें बताई जाएँगी।
- नज़्म और ड्रामा
- रमज़ान के ताल्लुक़ से इस्लामी नज़्म और ड्रामे पेश किए जाएँगे, ताकि ख़ासकर बच्चों और नौजवानों में इस महीने की अहमियत को दिलचस्प अंदाज़ में उजागर किया जा सके।
ख़वातीन के लिए ख़ास सत्र
चूँकि इस प्रोग्राम को Ladies Wing, Jamaat e Islami Hind, Haldwani तंजीम कर रही है, इसलिए इसमें ख़ासकर ख़वातीन की रुहानी तरबियत और अमली ज़िन्दगी में रमज़ान के असरात पर तवज्जो दी जाएगी। रोज़मर्रा के घरेलू कामों और इबादत के दरमियान तवाज़ुन कैसे रखा जाए, इस पर भी रहनुमाई दी जाएगी।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने वाली उत्तराखण्ड जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला सदर जेबा
इस जलसे की एहमियत पर रोशनी डालते हुए उत्तराखंड इस्लामी जमात की महिला सदर जेबा ने बताया कि “रमज़ान सिर्फ़ एक महीना नहीं, बल्कि एक पूरी लाइफ़स्टाइल है। यह हमें खुदा के करीब लाने और अपनी ज़िन्दगी को सुधारने का बेहतरीन मौक़ा देता है। इस जलसे में शिरकत करने वाले अफ़राद को रमज़ान की बरकतों और उसकी तैयारियों के बारे में तफ़्सील से बताया जाएगा। हमारी सभी बहनों से गुज़ारिश है कि इस नूरानी महफ़िल का हिस्सा बनें और अपने दीन और आमाल को बेहतर बनाने की कोशिश करें।”
संपर्क और मालूमात
इस मुबारक जलसे में शिरकत करने के ख़्वाहिशमंद अफ़राद नीचे दिए गए नंबर पर राब्ता कर सकते हैं: 9997590106।
रमज़ान की रोशनी से ज़िन्दगी को रौशन करने का बेहतरीन मौक़ा
रमज़ान महज़ इबादतों तक महदूद नहीं, बल्कि यह अपने अख़लाक़, अपनी नीयत और अपने आमाल को सुधारने का बेहतरीन ज़रिया है। “इस्तक़बाल-ए-रमज़ान” प्रोग्राम का मक्सद यही है कि इस महीने से हम सब ज्यादा से ज्यादा बरकतें हासिल करें और अपनी ज़िन्दगी को तक़वा और ईमान की रोशनी से रोशन करें।
शहर की तमाम ख़वातीन और नौजवान बहनों से दरख़्वास्त है कि इस मुबारक महफ़िल का हिस्सा बनें और रमज़ान की तैयारियों को मुकम्मल करने के लिए इस इल्मी और रूहानी जलसे में शिरकत करें।
