हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। निकाय चुनाव से पहले करनाल में कांग्रेस के 50 नेताओं ने भाजपा जॉइन कर ली, जिससे पार्टी में भारी हलचल मच गई है। भाजपा में शामिल होने वालों में पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक खुराना, हरियाणा अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरपर्सन त्रिलोचन सिंह, करनाल नगर निगम के पूर्व चेयरमैन बलविंदर कालरा, कांग्रेस ओबीसी सेल के जिलाध्यक्ष संजय चंदेल और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय बिंदल समेत कई पूर्व पार्षद शामिल हैं।
भाजपा में जोरदार स्वागत
इन सभी नेताओं ने भाजपा की सदस्यता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की मौजूदगी में ग्रहण की। भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अब जनहित के मुद्दों से भटक गई है, जिससे वे पार्टी से नाराज थे।
त्रिलोचन सिंह, जिन्होंने कांग्रेस से दो बार चुनाव लड़ा और हरियाणा अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन भी रहे, ने कहा, “कांग्रेस के नेतृत्व से अब कोई उम्मीद नहीं बची। पार्टी में गुटबाजी बढ़ती जा रही है, इसलिए भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया।”
करनाल में भाजपा की स्थिति और मजबूत
करनाल भाजपा का गढ़ माना जाता है, और कांग्रेस नेताओं के भाजपा में जाने से सत्ताधारी पार्टी को और मजबूती मिली है। भाजपा ने इस बार रेनू बाला गुप्ता को मेयर कैंडिडेट बनाया है, जिनके समर्थन में ये सभी नेता अब जुटेंगे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “हम इन नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हैं। इनके समर्थन से भाजपा और मजबूत होगी और हम पूरी निष्ठा से जनता की सेवा करेंगे।”
कांग्रेस में बढ़ी हलचल
इस बगावत से कांग्रेस में उथल-पुथल मच गई है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पूर्व डिप्टी मेयर मनोज वाधवा को मेयर कैंडिडेट बनाए जाने से पार्टी के कई नेता नाराज थे, जिसके चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं का कहना है कि पार्टी में असंतोष और गुटबाजी लगातार बढ़ रही थी, जिससे कार्यकर्ताओं और नेताओं में भारी निराशा थी।
निकाय चुनाव से पहले इस सियासी हलचल ने करनाल की राजनीति को गर्मा दिया है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस झटके से कैसे उबरती है और भाजपा इस नए समर्थन का कितना फायदा उठा पाती है।
