हल्द्वानी : मजदूर की बेटी ने किया कमाल! बनभूलपुरा की नेहा ने जेआरएफ में मारी बाजी, 216वीं रैंक के साथ रचा इतिहास

मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी

हल्द्वानी/बनभूलपुरा: इंदिरा नगर वार्ड-32 निवासी नेहा ने जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उन्होंने ऑल इंडिया 216वीं रैंक प्राप्त की है। नेहा की इस उपलब्धि से पूरे हल्द्वानी और उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है।

साधारण परिवार की बेटी ने किया कमाल

नेहा एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता शब्बीर अहमद मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं, जबकि उनकी मां शाकरा एक गृहिणी हैं। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उनके माता-पिता ने कभी भी नेहा की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी। अपनी मेहनत और संघर्ष के बल पर नेहा ने यह मुकाम हासिल किया है, जो अपने आप में एक मिसाल है।

शिक्षा यात्रा: मेहनत और लगन की मिसाल

नेहा की सफलता कोई संयोग नहीं है, बल्कि वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा है। उन्होंने अपनी शिक्षा की बुनियाद हल्द्वानी में ही रखी और लगातार उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होती रहीं।

  • कक्षा 1 से 8 तक: निषाद मेमोरियल स्कूल, इंदिरा नगर, हल्द्वानी
  • हाई स्कूल (2012): ललित महिला इंटर कॉलेज, हल्द्वानी
  • इंटरमीडिएट (2014): ललित महिला इंटर कॉलेज, हल्द्वानी
  • बीकॉम (2018):
  • एमकॉम (2020):

नेहा ने इससे पहले चार बार यूजीसी-नेट परीक्षा भी क्लियर की थी। अब उन्होंने जेआरएफ में भी अपनी मेहनत और प्रतिभा का लोहा मनवा लिया है।

प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया में मिला प्रवेश

नेहा की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें देश की जानी-मानी यूनिवर्सिटी जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली में प्रवेश मिल चुका है। अब वे वहां उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाएंगी।

सफलता का श्रेय माता-पिता को

नेहा का कहना है कि उनकी इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता का सबसे बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता शब्बीर अहमद दिन-रात मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी नेहा की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी। उनकी मां शाकरा ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और हर कदम पर मार्गदर्शन किया।

नेहा की सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर

नेहा की उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे हल्द्वानी में गर्व का माहौल पैदा कर दिया है। उनके रिश्तेदार, दोस्त और पड़ोसी इस उपलब्धि पर उन्हें लगातार बधाइयां दे रहे हैं।

छात्राओं के लिए बनी प्रेरणा

नेहा की सफलता उन छात्राओं के लिए भी प्रेरणादायक है जो उच्च शिक्षा में अपना करियर बनाना चाहती हैं। उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी यह साबित करती है कि अगर लगन और मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

समाज में शिक्षा का बढ़ता प्रभाव

नेहा की इस उपलब्धि से यह भी साफ हो जाता है कि हल्द्वानी जैसे शहरों में अब बेटियां भी उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे बढ़ रही हैं। इससे समाज में शिक्षा को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी और अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित होंगे।

बधाइयों का तांता

नेहा की सफलता की खबर सुनकर परिवार, रिश्तेदार और स्थानीय लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी इस उपलब्धि की खूब चर्चा हो रही है।

भविष्य की योजनाएं

नेहा आगे चलकर शोध और शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती हैं। उनका सपना है कि वे समाज के लिए कुछ ऐसा करें जिससे अन्य छात्राओं को भी आगे बढ़ने का अवसर मिले।

नेहा की यह सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। एक मेहनतकश मजदूर की बेटी ने साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है। उनकी मेहनत, लगन और संघर्ष की कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। नेहा का यह सफर यह संदेश देता है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत में कोई कमी न हो, तो सफलता अवश्य मिलती है!

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