महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आज शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। देर रात से ही श्रद्धालु भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए कतार में खड़े हैं। मंदिरों में गूंजते शिव के जयकारों के बीच भक्तों की आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। बड़े-बुजुर्ग, युवा और बच्चे सभी शिवभक्ति में लीन होकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।

महाशिवरात्रि का पावन पर्व
महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन भगवान शिव ने गृहस्थ जीवन को अपनाया था, इसलिए यह पर्व शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूजा-अर्चना का विशेष महत्व
शिवरात्रि के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाने की परंपरा है। भक्त उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना करते हैं और रात्रि जागरण कर शिवमहिमा का गुणगान करते हैं।
रात्रि जागरण और विशेष पूजन
महाशिवरात्रि का संपूर्ण दिन भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित होता है, लेकिन शुभ मुहूर्त में की गई पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव महाकाल हैं, इसलिए भद्रा और पंचक जैसे अशुभ योगों का इस दिन कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यही कारण है कि महाशिवरात्रि की रात भक्त निर्बाध रूप से शिवपूजन कर सकते हैं।
मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महाशिवरात्रि के अवसर पर देशभर के प्रसिद्ध शिवालयों में विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है और प्रशासन की ओर से भक्तों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। प्रमुख शिवालयों में भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है और दर्शन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा रही है।
शिवभक्ति से मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि का यह महापर्व आस्था, श्रद्धा और भक्तिभाव से परिपूर्ण है, जो शिवभक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
