उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उधमसिंह नगर जिले में हुए ₹600 करोड़ के राशन घोटाले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को निस्तारित कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि चार महीने के भीतर जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
क्या है मामला?
उधमसिंह नगर निवासी दीपेश कुमार ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया कि जिले में बड़े पैमाने पर राशन घोटाला हुआ है। याचिकाकर्ता के अनुसार, विजिलेंस जांच में खुलासा हुआ कि राशन विक्रेताओं ने 25,000 एपीएल (APL) राशन कार्डों को बीपीएल (BPL) कार्ड में बदलकर गरीबों के हक का राशन हड़प लिया।
वर्ष 2016 से चल रहा है घोटाला
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि यह घोटाला वर्ष 2016 से लगातार चल रहा है। याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की थी कि इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए ताकि दोषी राशन विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
हाई कोर्ट का फैसला
मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने याचिका का निस्तारण करते हुए राज्य सरकार को चार महीने के भीतर जांच पूरी करने और दोषियों पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस बड़े घोटाले से जुड़ी आगे की जांच और सरकारी कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।