मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
हल्द्वानी। आज हल्द्वानी की जामा मस्जिद में मगरिब की नमाज़ के बाद चांद देखने का इह्तिमाम किया गया, लेकिन चांद नज़र नहीं आया और शहर और आसपास के किसी भी क्षेत्र से रमजानुल-मुबारक 1446हि• का चांद नजर नहीं आया। इस पर काजी-ए-शहर शेख मुफ़्ती मुह़म्मद आज़म क़ादरी बरेलवी ने आधिकारिक घोषणा की, कि 1 मार्च 2025 शनिवार को 30 शाबानुल-मुअ़ज़्ज़म और 2 मार्च 2025, रविवार को रमज़ानुल-मुबारक की पहली तारीख़ होगी यानी पहला रोज़ा होगा।
काजी-ए-शहर का बयान:
काजी-ए-शहर शेख़ मुफ़्ती मुह़म्मद आज़म क़ादरी बरेलवी ने कहा,
“हमने हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में चांद देखने का पूरा प्रयास किया, लेकिन कहीं से भी चांद नजर आने की पुष्टि नहीं हुई। इस्लामी शरीयत के अनुसार, जब चांद नजर नहीं आता तो महीने को 30 दिन पूरा किया जाता है। इसी के आधार पर हमने तय किया है कि 1 मार्च को शाबानुल-मुअ़ज़्ज़म की 30 तारीख़ होगी और 2 मार्च को रमजान-उल-मुबारक की पहली तारीख होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “रमजान बरकतों और रहमतों का महीना है। इस दौरान हमें अधिक से अधिक इबादत करनी चाहिए, रोजे रखने चाहिए और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।”
रमजान की तैयारियां शुरू
हल्द्वानी में जामा मस्जिद और अन्य मस्जिदों में रमजान की विशेष तैयारियां की जा रही हैं। नमाज-ए-तरावीह, कुरआन की तिलावत और इफ्तार के कार्यक्रमों को लेकर व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की गई है कि वे रमजान के इस मुबारक महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें और गरीबों की सहायता में आगे आएं।