हल्द्वानी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को हल्द्वानी हिंसा मामले में 22 और आरोपियों को जमानत दे दी है। इससे पहले अदालत ने 57 आरोपियों को जमानत दी थी। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने 7 मार्च को मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब जारी किया गया है।
परिजनों को मिली बड़ी राहत
इस फैसले के बाद आरोपियों और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर जमीयत उलेमा हल्द्वानी की लोकल बॉडी इस मामले में लगातार प्रयासरत थी।
जमीयत उलेमा की कानूनी टीम कर रही पैरवी
जमीयत उलेमा ए हिन्द नैनीताल के जिलाध्यक्ष मौलाना मुकीम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामा कृष्णन की अगुवाई में नैनीताल हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी। उन्होंने कहा, “रमजान के पाक महीने की बरकत और अल्लाह के करम से 22 आरोपियों की जमानत मंजूर हो गई है।”
बाकी आरोपियों के लिए जारी रहेगा कानूनी संघर्ष
मौलाना मुकीम ने आगे बताया कि शेष आरोपियों की जमानत के लिए कानूनी प्रक्रिया जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही राहत मिलेगी। हल्द्वानी हिंसा मामले में अब तक कुल 57 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। जमीयत उलेमा की कानूनी टीम लगातार आरोपियों के पक्ष को अदालत में मजबूती से रख रही है, जिससे न्याय का रास्ता खुल रहा है।