हल्द्वानी के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय, हल्द्वानी विशाल गोयल की अदालत ने चेक बाउंस के एक महत्वपूर्ण मामले में अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया है। मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट चंदन सिंह बोहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालय ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को अपर्याप्त मानते हुए यह निर्णय सुनाया।

मामले का विवरण
एडवोकेट चंदन सिंह बोहरा के अनुसार, परिवादी गरिमा काबरा ने अदालत में मुकदमा दायर करते हुए आरोप लगाया था कि अभियुक्त प्रकाश सिंह ने ₹2 लाख का चेक जारी किया, जो बैंक में “Payment Stopped by Drawer” के कारण बाउंस हो गया। परिवादी ने दावा किया कि यह चेक एक उधारी के भुगतान के लिए दिया गया था।

अदालत का फैसला
एडवोकेट चंदन सिंह बोहरा ने बताया कि श्री विशाल गोयल, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय, हल्द्वानी, जिला नैनीताल की अदालत ने सभी प्रस्तुत साक्ष्यों और दलीलों की गहन जांच के बाद अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया।
- परिवादी यह साबित नहीं कर सकी कि चेक किसी वैध ऋण या कानूनी दायित्व के तहत दिया गया था।
- चेक जारी करने की पृष्ठभूमि पर स्पष्ट प्रमाण नहीं थे, जिससे अभियोजन पक्ष की स्थिति कमजोर हो गई।
- रूचि माहेश्वरी, जिनका नाम लेन-देन में आया था, उन्हें गवाह के रूप में अदालत में प्रस्तुत नहीं किया गया।

धारा 138 और कानूनी पक्ष
एडवोकेट चंदन सिंह बोहरा ने बताया कि परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत चेक बाउंस होने पर यह साबित करना आवश्यक होता है कि चेक किसी कानूनी दायित्व के तहत जारी किया गया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष इसे सिद्ध करने में असफल रहा, जिसके चलते अभियुक्त को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने दोषमुक्त कर दिया।