मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
मुफ्ती मोहम्मद रिजवान ने कुरान की अजमत पर रोशनी डाली, दुआओं के साथ हुआ समापन
रमज़ान के मुकद्दस महीने में लाइन नंबर 12, वनभूलपुरा स्थित अंसारान मस्जिद में आज 23वे रोज़े को कुरान मुकम्मल हुआ। इस मौके पर हाफिज अब्दुल्ला बिन गुफरान (निवासी लाइन नंबर 8) ने मुकम्मल कुरान तरावीह में सुनाया, जबकि हाफिज जुल्फकार अली बिन अब्दुल वाजिद (निवासी गांधी नगर) ने कुरान सुना।
मुफ्ती मोहम्मद रिजवान ने कुरान की अजमत और रहनुमाई पर तकरीर पेश की
इस खास मौके पर मौजूद मुफ्ती मोहम्मद रिजवान ने कुरान की अजमत और उसकी रहनुमाई पर रोशनी डालते हुए कहा,
“कुरान अल्लाह का वह पाक कलाम है जो पूरी इंसानियत के लिए रहनुमाई और हिदायत का जरिया है। जो भी इस पर अमल करेगा, अल्लाह उसे दोनों जहान में कामयाब करेगा। कुरान सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि इसे समझकर अपनी जिंदगी में लागू करने के लिए नाजिल किया गया है।”
उन्होंने कुरान की महानता को दर्शाने वाली एक महत्वपूर्ण आयत का हवाला दिया:
“وَإِن كُنتُمْ فِى رَيْبٍۢ مِّمَّا نَزَّلْنَا عَلَىٰ عَبْدِنَا فَأْتُوا۟ بِسُورَةٍۢ مِّن مِّثْلِهِۦ وَٱدْعُوا۟ شُهَدَآءَكُم مِّن دُونِ ٱللَّهِ إِن كُنتُمْ صَٰدِقِينَ”
“और यदि तुम्हें इसमें संदेह हो, जो हमने अपने बंदे (मुहम्मद ﷺ) पर उतारा है, तो तुम इसके समान कोई एक सूरह लेकर आओ और अल्लाह को छोड़कर अपने सभी सहायकों को बुला लो, यदि तुम सच्चे हो।” (सूरह अल-बक़रह: 23)
इसके अलावा, उन्होंने कुरान की हिदायतों की तरफ इशारा करते हुए एक और आयत बयान की:
إِنَّ هَذَا ٱلْقُرْءَانَ يَهْدِى لِلَّتِى هِىَ أَقْوَمُ
“बेशक! यह कुरान वही रास्ता दिखाता है जो सबसे सीधा है।” (सूरह बनी इस्राईल: 9)
मस्जिद में छाया रूहानी माहौल, मिठाई तस्कीन की गई
कुरान मुकम्मल होते ही मस्जिद में रूहानी माहौल देखने को मिला। सभी ने अल्लाह का शुक्र अदा किया और एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। इस मौके पर मिठाई तस्कीन की गई।
आखिर में हुई रूहानी दुआ
इस मुबारक मौके पर मुफ्ती मोहम्मद रिजवान ने दुआ कराई, जिसमें अल्लाह से गुनाहों की माफी, बरकत, रहमत और पूरी उम्मत के लिए भलाई की दुआ मांगी गई। उन्होंने यह भी दुआ की कि “अल्लाह हम सबको कुरान की हिदायतों पर अमल करने और अपनी जिंदगी को इसके मुताबिक ढालने की तौफीक अता फरमाए।”
हाफिज मोहम्मद कासिम और अन्य उलमा की मौजूदगी
इस मौके पर हाफिज मोहम्मद कासिम समेत कई उलमा और मस्जिद के जिम्मेदार मौजूद रहे। उन्होंने भी कुरान की तालीम को फैलाने और इसे जिंदगी में अपनाने की अहमियत पर जोर दिया।
हाफिज जुल्फकार अली की खास अपील
आखिर में हाफिज जुल्फकार अली ने कहा,
“अगर हम अपनी जिंदगी को कुरान के मुताबिक ढाल लें, तो दुनिया और आखरत दोनों में कामयाबी हासिल होगी। हमें चाहिए कि हम सिर्फ खुद तक कुरान को सीमित न रखें, बल्कि इसे नई नस्लों तक पहुंचाने की कोशिश करें।”
नफ्ल नमाजों और दुआओं के साथ हुआ समापन
इस मुबारक महफिल का समापन नफ्ल नमाजों और रूहानी दुआओं के साथ हुआ। लोगों ने अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी और दुआ की कि कुरान की तालीमात से हर घर रोशन हो।