मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
हल्द्वानी में ईद का त्योहार इस बार भी पूरी श्रद्धा, उत्साह और आपसी भाईचारे के माहौल में मनाया गया। ईद की नमाज अदा करने के बाद जब नमाजी ईदगाह से बाहर निकले, तो एक दिल को छू लेने वाला दृश्य देखने को मिला। वार्ड नंबर 27 के पार्षद रोहित कुमार ने अपनी अनोखी पहल से न सिर्फ ईद की बधाई दी, बल्कि गंगा-जमुनी तहज़ीब और हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी पेश की।

फूलों की वर्षा से सजा भाईचारे का नजारा
नमाज के बाद जब मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह से बाहर आ रहे थे, तभी पार्षद रोहित कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर उन पर फूलों की वर्षा शुरू कर दी। गुलाब और गेंदा के फूलों से सजी यह वर्षा देखकर सभी के चेहरे खिल उठे। इस अद्भुत नजारे ने यह संदेश दिया कि भारत की असली खूबसूरती उसकी साझी संस्कृति और आपसी प्रेम में बसती है।

गंगा-जमुनी तहज़ीब की शानदार मिसाल
इस मौके पर पार्षद रोहित कुमार ने कहा, “ईद भाईचारे, मोहब्बत और इंसानियत का त्योहार है। जब हम मिलकर अपने त्योहारों को मनाते हैं, तो यह हमारी एकता को और मजबूत करता है। हमारी संस्कृति हमेशा से गंगा-जमुनी तहज़ीब की रही है, जहां हर धर्म और हर समुदाय का सम्मान किया जाता है। आज हमने यही परंपरा निभाने की कोशिश की है।”
ईदगाह में मौजूद लोगों ने इस अनूठी पहल का दिल से स्वागत किया और पार्षद रोहित कुमार को धन्यवाद दिया। कई नमाजियों ने कहा कि “ऐसे प्रयास समाज को जोड़ने का काम करते हैं और इससे नफरत की दीवारें गिरती हैं।”
सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
ईदगाह में मौजूद अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। स्थानीय समाजसेवी अनीस अहमद ने कहा कि “जब एक हिंदू भाई हमारे त्योहार पर फूल बरसाकर हमें शुभकामनाएं देता है, तो यह इस बात का प्रमाण है कि हमारा देश आपसी प्रेम और भाईचारे की बुनियाद पर टिका हुआ है।”
वहीं, हल्द्वानी के वरिष्ठ नागरिक राम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि “हमें एक-दूसरे के त्योहारों में इसी तरह शरीक होना चाहिए। जब हम साथ मिलकर खुशियां मनाएंगे, तभी समाज में शांति और प्रेम बना रहेगा।”
ईद के मौके पर आपसी सौहार्द का संदेश
हल्द्वानी में ईद इस बार सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं रहा, बल्कि यह एकता, प्रेम और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बन गया। पार्षद रोहित कुमार की यह पहल उन सभी के लिए एक सीख है जो समाज में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। यह साबित करता है कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता में है, जहां हर धर्म और हर समुदाय एक-दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चलता है।
ईद के इस खास मौके पर हर किसी ने यही कामना की कि समाज में हमेशा ऐसा ही भाईचारा बना रहे और हम सभी मिल-जुलकर एक-दूसरे के त्योहारों की खुशियों में शरीक होते रहें।