नैनीताल पार्किंग विवाद: हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगर पालिका बैकफुट पर

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल नगर पालिका की लेकब्रिज चुंगी और विभिन्न कार पार्किंग स्थलों की टेंडर प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नगर पालिका से विस्तृत योजना पेश करने को कहा है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि लेकब्रिज चुंगी में लगने वाले जाम को कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ‘फास्टैग’ सिस्टम के उपयोग पर विचार किया जाए।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने चार अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। सुनवाई के दौरान नगर पालिका की ओर से बताया गया कि सभी टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं और अब पालिका स्वयं शुल्क वसूली करेगी।

लेकब्रिज चुंगी की एंट्री फीस में बड़ा इजाफा

नगर पालिका ने न्यायालय को अवगत कराया कि वह लेकब्रिज चुंगी की एंट्री फीस को वर्तमान 118 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति वाहन करने जा रही है। इसके अलावा, पालिका अब कालाढूंगी मार्ग के बारापत्थर क्षेत्र में भी चुंगी वसूलने की योजना बना रही है।

पालिका स्वयं करेगी शुल्क वसूली

नगर पालिका ने घोषणा की कि 1 अप्रैल से वह स्वयं लेकब्रिज चुंगी, डी.एस.ए. पार्किंग और अन्य पार्किंग स्थलों का शुल्क वसूलेगी। अदालत ने इन याचिकाओं की अगली सुनवाई की तिथि 3 अप्रैल तय की है।

न्यायालय स्वयं करेगा निरीक्षण

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे स्वयं एक दिन लेकब्रिज चुंगी, कार पार्किंग और नैनीताल के यातायात सिस्टम का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि न्यायालय को शिकायत मिली है कि सड़क चौड़ीकरण के बाद उन्हें पार्किंग में तब्दील किया जा रहा है।

टेंडर प्रक्रिया पर उठे सवाल

गौरतलब है कि नैनीताल लेकब्रिज चुंगी का टेंडर नैनीताल निवासी उमेश मिश्रा के नाम 2.88 करोड़ रुपये में हुआ था। इस टेंडर को दीवान सिंह फर्त्याल ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। फर्त्याल ने आरोप लगाया कि टेंडर शर्तों में जानबूझकर ऐसी बाधाएं रखी गईं, जिससे वे टेंडर प्रक्रिया में भाग न ले सकें।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि नगर पालिका ने इस टेंडर में वही व्यक्ति को भाग लेने की अनुमति दी थी जिसे पिछले छह वर्षों में कम से कम एक साल का चुंगी वसूलने का अनुभव हो। जबकि पिछले वर्ष यह अनुभव सीमा पांच साल थी। फर्त्याल ने बताया कि उन्होंने सात साल पहले यह काम किया था और इस नई शर्त के कारण उन्हें टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।

कार पार्किंग टेंडर पर भी विवाद

इसके अलावा, सुमित जेठी और ठाकुर इंटरप्राइजेज ने डी.एस.ए. कार पार्किंग और मैट्रोपोल होटल कार पार्किंग की टेंडर प्रक्रिया को चुनौती देते हुए न्यायालय में याचिकाएं दायर की हैं।

नगर पालिका की ओर से न्यायालय को सूचित किया गया कि लेकब्रिज चुंगी और कार पार्किंग के सभी टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं और जल्द ही इन पर नई नीति तय कर न्यायालय में प्रस्तुत की जाएगी।

आगे की सुनवाई 3 अप्रैल को

इन सभी याचिकाओं पर अब अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी, जिसमें नगर पालिका अपनी नई नीति और विस्तृत योजना अदालत के समक्ष पेश करेगी।

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