उत्तराखंड के नैनीताल-उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद और पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मांग रखी। उन्होंने हल्द्वानी या रुद्रपुर में किसी एक अस्पताल को प्रधानमंत्री राहत कोष योजना से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
देहरादून तक 17-18 घंटे की यात्रा का संघर्ष
सांसद अजय भट्ट ने शून्यकाल में बोलते हुए बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड में प्रधानमंत्री राहत कोष से सहायता प्राप्त करने के लिए सिर्फ देहरादून स्थित एकमात्र अस्पताल ही अधिसूचित है। इससे प्रदेश के दूरस्थ पर्वतीय इलाकों, विशेष रूप से बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल और अल्मोड़ा के लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन जिलों के निवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए देहरादून तक 17-18 घंटे की लंबी यात्रा करनी पड़ती है।
सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी हो रही दिक्कतें
अजय भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र जैसे कुटटी, नाभी, रोकग, गूंजी, नपचलयु, गर्बयांग, बूँदी और कॉलिजोंग आदि से भी देहरादून तक पहुंचने में 17-18 घंटे लगते हैं। इस कारण वहां के निवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हल्द्वानी या रुद्रपुर में अस्पताल चिन्हित करने की मांग
सांसद ने केंद्र सरकार से अपील की कि हल्द्वानी या रुद्रपुर में से किसी एक अस्पताल को प्रधानमंत्री राहत कोष के तहत अधिसूचित किया जाए। इससे क्षेत्र के निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी और उन्हें लंबी व कठिन यात्रा से राहत मिलेगी।
अजय भट्ट की इस मांग से उत्तराखंड के लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, खासकर उन लोगों को जो दूरस्थ और पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस महत्वपूर्ण मांग पर क्या निर्णय लेती है।