यहया कमाल
टांडा के बुज़ुर्ग और मोअज़्ज़िज़ शख़्सियत इस्लाम के इंतेक़ाल की ख़बर से पूरे इलाक़े में ग़म की लहर दौड़ गई। जैसे ही ये दुखद इत्तिला हाजी सरफ़राज़ आलम को मिली, वो अपनी अहलिया साहिबा सरफ़राज़ के साथ रात तक़रीबन 1:30 बजे अस्पताल पहुंच गए।
इस मौके पर टांडा और रामपुर के कई अहम सियासी और समाजी रहनुमाओं ने शरीक होकर ग़म का इज़हार किया और अहले-खाना से हमदर्दी जताई।
ग़मगुसारों में जो नाम शामिल रहे, वो इस तरह हैं:
- रामपुर के साबिक़ वज़ीर और रुक्न असेंबली नवाब काज़िम अली ख़ान उर्फ नवेद मियाँ अपने बेटे हमज़ा मियाँ के साथ
- कांग्रेस के सीनियर रहनुमा मुतिउर्रहमान ख़ान उर्फ बबलू
- बीजेपी के क़ाइद और टांडा नगर पालिका के साबिक़ सदर मक़सूद लाल
- टांडा से एमएलए नुमाइंदा मोहम्मद शरीफ़
- स्वार टांडा असेंबली के सदर
- कांग्रेस के जियाला नौजवान रहनुमा मोहम्मद माज़ (टांडा, रामपुर)
तमाम रहनुमाओं ने इस्लाम मरहूम के इंतेक़ाल को इंतिहाई अफ़सोसनाक और समाज के लिए एक बड़ा नुक़सान बताया। उन्होंने मरहूम के लिए मग़फ़िरत और अहले-खाना के लिए सब्र की दुआ की।
टांडा के तमाम सियासी और समाजी शख्सियतों ने इस अल्मनाक मौके पर गहरा रंज-ओ-ग़म का इज़हार करते हुए ताज़ियत पेश की।