वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 73 से अधिक याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड या काउंसिल में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वक्फ संपत्तियों को लेकर कलेक्टर कोई नया आदेश जारी नहीं करेंगे। यानी अभी के लिए वक्फ की संपत्तियों की यथास्थिति बनी रहेगी।
CJI ने कहा – “सिर्फ 5 याचिकाएं ही सुनवाई में शामिल होंगी”
सुनवाई के दौरान CJI ने स्पष्ट किया कि इतने सारे मामलों की एक साथ सुनवाई संभव नहीं है। उन्होंने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे सिर्फ पांच मुख्य याचिकाएं तय करें, जिन पर सुनवाई हो। बाकी याचिकाओं को निस्तारित मान लिया जाएगा और आगे की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
सुनवाई की अगली तारीख 5 मई तय
CJI ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड सभी अपना जवाब एक सप्ताह के भीतर दाखिल करें। उसके बाद याचिकाकर्ता पक्ष को जवाब दाखिल करने के लिए 5 दिन का समय मिलेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि 1995 और 2013 के वक्फ कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट में अलग से लगाई जाएंगी ताकि उनकी अलग सुनवाई हो सके।
क्या है मामला?
आपको बता दें कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को 8 अप्रैल से लागू किया गया है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण में पारदर्शिता लाना है। लेकिन विपक्षी दलों, मुस्लिम संगठनों और कई याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को “मुस्लिम विरोधी” और “असंवैधानिक” बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
नज़रें अब 5 मई की सुनवाई पर टिकीं
अब सभी की निगाहें 5 मई को होने वाली अगली सुनवाई पर हैं, जहां यह तय होगा कि सरकार का पक्ष क्या होगा और सुप्रीम कोर्ट इस संवेदनशील मामले में आगे क्या रुख अपनाता ह