हल्द्वानी। गांधी नगर वार्ड-27 के पार्षद रोहित कुमार ने दमुआढुंगा क्षेत्र में रह रहे लोगों को भेजे गए ध्वस्तीकरण और बेदखली के नोटिसों को लेकर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने इस कार्रवाई को भाजपा सरकार की गरीब विरोधी नीति करार दिया है और प्रशासन से मांग की है कि इन नोटिसों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
प्रेस को जारी बयान में पार्षद रोहित कुमार ने कहा कि, “दमुआढुंगा के लोगों को बीते कुछ दिनों से लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं, जिनमें मकान और दुकान को 15 दिन के भीतर स्वयं ध्वस्त करने या प्रशासन द्वारा तोड़े जाने की चेतावनी दी गई है। यह सीधे-सीधे गरीब जनता को उजाड़ने का प्रयास है।”
“एक ओर भाजपा नेता दे रहे हैं आश्वासन, दूसरी ओर प्रशासन भेज रहा नोटिस”
रोहित कुमार ने विरोध दर्ज करते हुए कहा कि एक ओर भाजपा के स्थानीय नेता यह कह रहे हैं कि दमुआढुंगा में एक इंच ज़मीन पर भी बुलडोज़र नहीं चलेगा, वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं। यह सरकार की कथनी और करनी के बीच भारी विरोधाभास को दर्शाता है।
“मालिकाना हक मिलना चाहिए, नोटिस नहीं”
पार्षद ने कहा कि वर्षों से दमुआढुंगा क्षेत्र में रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिया जाना चाहिए, न कि उन्हें उजाड़ने की धमकी। “भाजपा सरकार को चाहिए कि वह मानवीय दृष्टिकोण अपनाए और जहां लोग वर्षों से रह रहे हैं, वहीं उन्हें अधिकार दे,” रोहित कुमार ने कहा।
आंदोलन की चेतावनी
रोहित कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि ध्वस्तीकरण के यह नोटिस तुरंत वापस नहीं लिए गए, तो जनता के साथ मिलकर जोरदार आंदोलन किया जाएगा।