मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
कुमायूं परिक्षेत्र में महिला अपराधों की रोकथाम और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक बार फिर “कोशिश… फिर एक नई आशा” नामक पहल शुरू की जा रही है। यह अभियान पूर्व में ऊधमसिंहनगर में सफलतापूर्वक चलाया गया था और अब इसे पूरे कुमायूं रेंज में दोबारा लागू किया जा रहा है।
महिला सुरक्षा, जागरूकता और आत्मनिर्भरता पर होगा फोकस
इस पहल के अंतर्गत स्कूल-कॉलेजों में बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे खुद को सुरक्षित रख सकें। गर्मी की छुट्टियों में कैम्प लगाए जाएंगे और स्कूल खुलने पर सप्ताह में एक दिन नियमित वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारियों के साथ समन्वय किया जाएगा।
महिला अपराधों पर सख्ती, पीड़िताओं को मिलेगा त्वरित न्याय
पुलिस द्वारा महिला अपराधों में संलिप्त अभियुक्तों को सख्त सजा दिलाने हेतु केस ऑफिसर्स स्कीम के तहत प्रभावी पैरवी की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय समय पर मिले। प्रत्येक मामले की मॉनिटरिंग आईजी स्तर पर की जाएगी।
सभी जनपदों में गोष्ठी का आयोजन, विशेषज्ञों ने साझा की महत्वपूर्ण जानकारी
15 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महिला अपराधों से संबंधित गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें राज्य परियोजना अधिकारी, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, सभी CWC व वन स्टॉप सेंटर टीम, महिला हेल्पलाइन अधिकारी व पुलिस प्रतिनिधि शामिल हुए। गोष्ठी में पुलिस व अन्य विभागों के समन्वय से पीड़िताओं को बेहतर सहायता देने पर जोर दिया गया।
काउंसलिंग के दौरान संवेदनशील व्यवहार और मनोवैज्ञानिक सहयोग पर जोर
महिला हेल्पलाइन में आने वाली पीड़िताओं से संवेदनशील और शालीन व्यवहार के निर्देश दिए गए हैं। यदि विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिक उपलब्ध न हों तो अन्य योग्य मनोवैज्ञानिकों से काउंसलिंग करवाई जाएगी। इसके लिए भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थान NIMHANS से प्रशिक्षण हेतु अनुबंध की तैयारी भी चल रही है।
पीड़िताओं को मुआवजा दिलाने में तेजी, आधार कार्ड की अनिवार्यता पर विशेष ध्यान
गोष्ठी में बताया गया कि कुछ मामलों में आधार कार्ड की अनुपलब्धता के कारण पीड़िताओं को DLSA से मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। इसलिए विवेचकों को निर्देश दिए गए हैं कि काउंसलिंग के समय ही आधार कार्ड की उपलब्धता की जांच कर आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ करें।
मानव तस्करी पर रोक के लिए डोर-टू-डोर सर्वे का आदेश
मानव तस्करी रोकने वाले अधिकृत एनजीओ के साथ समन्वय करते हुए डोर टू डोर सर्वे कराया जाएगा। सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि आगामी 6 माह में यह सर्वे पूरा कर लें, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान हो सके।
DISTRICT HUB से समन्वय कर चलाए जाएंगे जागरूकता कार्यक्रम
महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अंतर्गत स्थापित “डिस्ट्रिक्ट हब” के अधिकारियों से समन्वय कर स्कूलों और कॉलेजों में बालिकाओं के अधिकारों व योजनाओं को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को किया जाएगा सम्मानित
महिला अपराधों की रोकथाम और संवेदनशीलता से कार्य करने वाले विवेचकों, महिला हेल्पलाइन अधिकारियों व पुलिस सुविधा अधिकारियों को मासिक अपराध गोष्ठियों में सम्मानित किया जाएगा।