नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगी अंतरिम रोक को फिलहाल बरकरार रखा है। सरकार द्वारा मामले का उल्लेख (mention) किए जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने बुधवार को दोपहर में मामले की सुनवाई तय की है।
सरकार की ओर से मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष मामले को विशेष रूप से मेंशन किया गया, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए बुधवार दोपहर का समय निर्धारित किया है। इस दौरान स्टे वेकेशन (अंतरिम रोक हटाने) से जुड़े विषयों सहित अन्य याचिकाओं की भी एक साथ सुनवाई की जाएगी।
याचिकाकर्ताओं ने उठाए आरक्षण रोटेशन और नियमावली पर सवाल
मामले में बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सरकार के हालिया आदेशों को चुनौती दी है। याचिकाओं में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 9 जून 2025 को पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली जारी की है। इसके अतिरिक्त 11 जून 2025 को एक और आदेश जारी कर अब तक लागू रही आरक्षण रोटेशन प्रणाली को शून्य घोषित कर दिया गया और इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया गया है।
पहले ही जारी किए जा चुके हैं कोर्ट के दिशा-निर्देश
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई है कि इस विषय में उच्च न्यायालय पूर्व में ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। इसके बावजूद सरकार द्वारा अचानक नियमों में बदलाव और आरक्षण रोटेशन को शून्य करने का निर्णय न्यायसंगत नहीं है।
अब हाईकोर्ट में सभी याचिकाओं को क्लब कर बुधवार से सुनवाई शुरू होगी, जो राज्य में पंचायत चुनाव प्रक्रिया की दिशा को तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।