हल्द्वानी। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका पर 14 फरवरी 2024 को नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।

जमीयत की ओर से याचिका दायर करने वाले मुख्य याचिकाकर्ता मौलाना मुकीम कासमी की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की। उन्होंने बताया कि इस मामले में देश के जाने-माने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता फुज़ैल अय्यूबी ने जमीयत की ओर से पैरवी की।

मजबूत दलीलों के साथ हुई बहस
मौलाना मुकीम ने बताया कि हाई कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से विस्तार से बहस हुई। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने UCC के खिलाफ तर्क रखते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन बताया।
अगली सुनवाई 1 अप्रैल 2025 को
मौलाना मुकीम ने बताया कि कोर्ट ने सुनवाई के बाद अगली तारीख 1 अप्रैल 2025 तय की है। इस फैसले को लेकर जमीयत ने उम्मीद जताई है कि न्यायालय में उनकी दलीलों को गंभीरता से सुना जाएगा।
जमीयत की अपील
प्रेस नोट के अनुसार, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने समर्थकों से दुआ करने की अपील की है कि अल्लाह इस कानूनी लड़ाई में उन्हें सफलता प्रदान करे और कोर्ट से बेहतर फैसला आए।
