नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। इस हादसे में 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) ने मृतकों की पुष्टि की है।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार शाम 4 बजे से ही स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के यात्रियों की भीड़ जमा होनी शुरू हो गई थी। रात करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली तीन ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ और बढ़ गई। जैसे ही प्लेटफॉर्म-14 पर खड़ी प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के आने का अनाउंसमेंट हुआ, तभी यह घोषणा भी की गई कि भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर आ रही है। यह सुनते ही भीड़ प्लेटफॉर्म-14 से 16 की ओर भागी, जिससे भगदड़ मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?
घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों का कहना है कि कई लोग टिकट काउंटर पर खड़े थे, जिनमें से 90% प्रयागराज जाने वाले यात्री थे। ट्रेन के आने की अचानक घोषणा होते ही लोग बिना टिकट प्लेटफॉर्म की ओर दौड़ पड़े, जिससे हालात बेकाबू हो गए। भगदड़ में कई यात्री बेहोश होकर गिर पड़े, जबकि कुछ लोग अपने परिजनों को खोजते नजर आए।
रेलवे प्रशासन की लापरवाही!
हादसे के बाद रेलवे प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। दो वीकेंड से कुंभ मेले के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही थी, लेकिन स्टेशन प्रशासन ने कोई कंट्रोल रूम नहीं बनाया। शनिवार को भी शाम 7 बजे से भीड़ बढ़ने लगी थी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
रेलवे प्रशासन की सफाई
शुरुआत में नॉर्दर्न रेलवे के CPRO (चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर) ने भगदड़ की खबर को अफवाह बताया, लेकिन बाद में हादसे की पुष्टि हुई।
मृतकों और घायलों को मुआवजा
रेलवे ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। गंभीर घायलों को ₹2.5 लाख और सामान्य घायलों को ₹1 लाख दिए जाएंगे।

राष्ट्रपति और नेताओं ने जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हादसे पर शोक जताते हुए कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में हुई मौतों की खबर से बहुत दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया।
मृतकों की पहचान
प्रशासन द्वारा जारी सूची के अनुसार, मृतकों में बिहार और दिल्ली के सबसे अधिक लोग शामिल हैं। बिहार से 9 और दिल्ली से 8 लोगों की जान गई। एक मृतक हरियाणा का निवासी था।
बिहार के मृतक:
- आहा देवी (79) – बक्सर
- पूनम देवी (40) – सारण
- ललिता देवी (35) – परना
- सुरुचि (11) – मुजफ्फरपुर
- कृष्णा देवी (40) – समस्तीपुर
- विजय साह (15) – समस्तीपुर
- नीरज (12) – वैशाली
- शांति देवी (40) – नवादा
- पूजा कुमार (8) – नवादा
दिल्ली के मृतक:
- पिंकी देवी (41) – संगम विहार
- शीला देवी (50) – सरिता विहार
- व्योम (25) – बवाना
- पूनम (34) – महावीर एन्क्लेव
- ममता झा (40) – नांगलोई
- रिया सिंह (7) – सागरपुर
- बेबी कुमारी (24) – बिजवासन
- मनोज (47) – नांगलोई

हरियाणा के मृतक:
- संगीता मलिक (34) – भिवानी
रेल मंत्री ने दिए जांच के आदेश
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति अब नियंत्रण में है। दिल्ली पुलिस और आरपीएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।”
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
- 29 जनवरी 2025 – प्रयागराज महाकुंभ में 30 लोगों की मौत
- 10 फरवरी 2013 – प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़, 36 लोगों की मौत
