270 किलो का बोझ बना मौत का कारण: जिम में पावरलिफ्टर यष्टिका की दर्दनाक मौत!

राजस्थान के बीकानेर में एक दर्दनाक हादसे में 17 वर्षीय नेशनल पावरलिफ्टर यष्टिका आचार्य की मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब वह जिम में पावरलिफ्टिंग की प्रैक्टिस कर रही थीं। भारी वजन उठाने के दौरान संतुलन बिगड़ने से बार्बेल उनकी गर्दन पर गिर गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

270 किलो का वज़न बना मौत का कारण

यष्टिका आचार्य ने 270 किलो का वजन उठाने का प्रयास किया था, लेकिन अचानक उनका संतुलन बिगड़ गया। इससे पूरा भार उनकी गर्दन पर आ गया, जिससे उनकी हड्डी टूट गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। इस हादसे के बाद पावरलिफ्टिंग से जुड़े कोच और खिलाड़ियों ने घटना पर दुख व्यक्त किया और इसमें हुई गलतियों की ओर ध्यान दिलाया।

गलतियों की वजह से हुआ बड़ा हादसा

इस दर्दनाक हादसे की जांच करने पर पावरलिफ्टिंग के जानकारों और कोचों ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उठाया। यूपी पावरलिफ्टिंग के मानद सचिव अनुज कुमार, इंटरनेशनल पावरलिफ्टर निधि सिंह पटेल, उत्तराखंड की पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी कविता देवी और कोच कमलापति त्रिपाठी ने इस हादसे का विश्लेषण किया।

विशेषज्ञों के अनुसार, हादसे की मुख्य वजह यष्टिका का पैर डगमगाना था। उन्होंने जिस प्लेटफॉर्म पर वेट लिफ्ट किया, वह रबर के प्लैंक से बना था। इंटरनेशनल लेवल पर लकड़ी के सख्त सतह पर लिफ्टिंग की जाती है, लेकिन रबर की सतह पर संतुलन खोने का खतरा अधिक होता है।

क्या गलतियां हुईं?

  1. वेट लिफ्टिंग के लिए प्लेटफॉर्म समतल और मजबूत नहीं था।
  2. रबर के प्लैंक की वजह से पैर फिसल गया और संतुलन बिगड़ गया।
  3. वेट उठाते ही उसे तुरंत छोड़ देना चाहिए था।
  4. लोडर और सपोर्टर को अधिक सतर्क रहना चाहिए था।
  5. वेट को अधिक देर तक होल्ड करने से हादसा हुआ।

पावरलिफ्टिंग के सुरक्षा मानकों की अनदेखी

अनुज कुमार के अनुसार, इंटरनेशनल पावरलिफ्टिंग प्रोटोकॉल के तहत खिलाड़ी के पास कम से कम तीन सपोर्टर होने चाहिए—दो लोडर साइड में और एक सपोर्टर पीछे। लेकिन इस घटना में सुरक्षा मानकों की कमी देखी गई। इंटरनेशनल स्तर पर तब तक वेट उठाने की अनुमति नहीं दी जाती जब तक खिलाड़ी पूरी तरह स्थिर न हो जाए।

इंटरनेशनल पावरलिफ्टर निधि सिंह पटेल के अनुसार, अगर यष्टिका ने लकड़ी के प्लेटफॉर्म पर अभ्यास किया होता तो उनका बैलेंस नहीं बिगड़ता। इसके अलावा, सपोर्ट स्टाफ को भी अधिक सक्रिय रहना चाहिए था ताकि हादसे को टाला जा सके।

खेल जगत में शोक की लहर

इस दर्दनाक घटना ने खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। पावरलिफ्टिंग समुदाय ने इसे एक बड़ी चूक माना है और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्ती से अपनाने की जरूरत पर जोर दिया है।

यष्टिका आचार्य की मौत से पावरलिफ्टिंग की दुनिया में गहरा शोक है। विशेषज्ञों ने इस घटना से सबक लेते हुए सुरक्षा मानकों के कड़ाई से पालन करने की अपील की है ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके।

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