उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशवासियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 15 मार्च (शनिवार) को पर्वतीय होली के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, यह अवकाश प्रदेश के सभी शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों एवं विद्यालयों में लागू रहेगा।

हालांकि, यह अवकाश बैंकों, कोषागारों एवं उप कोषागारों पर लागू नहीं होगा।
पर्वतीय संस्कृति और परंपराओं का सम्मान
सरकार के इस फैसले को पर्वतीय संस्कृति और परंपराओं के सम्मान में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे प्रदेशवासियों को अपने पारंपरिक उत्सव पर्वतीय होली को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाने का अवसर मिलेगा।

पहली बार घोषित हुआ सार्वजनिक अवकाश
उत्तराखंड में पर्वतीय होली का खासा महत्व है, खासतौर पर कुमाऊं और गढ़वाल में इसे पारंपरिक तरीके से बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस उत्सव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने पहली बार इसे सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, जिससे अधिक से अधिक लोग इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और मनाने में सहभागी बन सकें।

जनभावनाओं के अनुरूप लिया गया फैसला
प्रदेश सरकार का यह निर्णय जनभावनाओं के अनुरूप लिया गया है और इसे प्रदेशवासियों की परंपराओं और आस्थाओं के प्रति सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
इस ऐतिहासिक निर्णय से उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती मिलेगी और आने वाले वर्षों में इसे एक स्थायी अवकाश के रूप में भी मान्यता मिलने की संभावना जताई जा रही।