नगर पालिका परिषद टांडा के तीन बार निर्वाचित सभासद एम. सगीर तस्लीम पहलवान ने अपने ताजा बयान में टांडा की राजनीतिक स्थिति पर खुलकर बात की। उन्होंने न केवल अपनी राजनीतिक यात्रा और नगर विकास की प्राथमिकताओं पर जोर दिया, बल्कि अपनी शिक्षा और सामाजिक योगदान पर भी प्रकाश डाला।
एम. सगीर की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
एम. सगीर का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा इस प्रकार रही:
- हाई स्कूल (1983) – राजकीय इंटर कॉलेज, टांडा (जिला रामपुर) से किया।
- इंटरमीडिएट (1985-86) – एम.पी. इंटर कॉलेज, रामनगर (उत्तराखंड) से कॉमर्स विषय में उत्तीर्ण किया।
- स्नातक (बी.कॉम) – हिंदू डिग्री कॉलेज, मुरादाबाद से किया। उस समय बी.कॉम दो वर्षीय पाठ्यक्रम हुआ करता था।
शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने समाज सेवा और राजनीति के माध्यम से नगर की भलाई के लिए काम करना शुरू किया।
राजनीतिक सफर और जनता की सेवा का संकल्प
एम. सगीर ने 1995 में समाजवादी पार्टी के मंच से राजनीति में कदम रखा और पहली बार सभासद का चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद, 2006 में दोबारा निर्वाचित हुए, और हाल ही में 2024 में तीसरी बार जनता ने उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें सभासद चुना।
उन्होंने कहा, “जब मैं पहली बार सभासद बना था, तब मेरी उम्र सबसे कम थी, लेकिन मेरी सोच हमेशा जनता की सेवा की रही। राजनीति में आने का मेरा मकसद सिर्फ और सिर्फ जनता की भलाई करना था।”
टांडा की राजनीति पर गहरी चिंता
उन्होंने टांडा के सियासी हालात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “नगर के कुछ राजनेता जनता की भलाई से ज्यादा इस बात पर ध्यान देते हैं कि कौन किस सियासी दल के करीब है। यह सोच गलत है और नगर के विकास में बाधा डाल रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में टांडा में कुछ लोगों को राजनीति की भेंट चढ़ा दिया गया, जिससे उनका वर्षों का संघर्ष मिट्टी में मिल गया। यह गलत परंपरा है, जिसे रोकना जरूरी है।”
सियासतदानों को आत्मचिंतन करने की सलाह
एम. सगीर ने टांडा के सभी सियासी नेताओं से अपील की कि “राजनीति में खुदा का डर रखना जरूरी है, ताकि कोई ऐसा गलत काम न हो जाए, जिसकी भरपाई वर्षों तक न हो सके। जनता बहुत समझदार है और सही समय पर सही फैसला लेना जानती है।”
जनता की सेवा का संकल्प
तीसरी बार सभासद बनने पर उन्होंने जनता का आभार जताया और भरोसा दिलाया कि वह हमेशा “जनता की सेवा में समर्पित रहेंगे और टांडा के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाए रखेंगे।”
“मैं हारूं या जीतूं, मेरी जनता की सेवा का संकल्प कभी नहीं बदलेगा,” उन्होंने कहा।
एम. सगीर ने अंत में कहा कि “टांडा की जनता खुद्दार है और अपनी मेहनत के बल पर जीवन यापन करती है। इसलिए नेताओं को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और नगर के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।”