मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
रामपुर में एम्स (AIIMS) अस्पताल की मांग को लेकर एक बार फिर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने संसद में आवाज उठाई। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह किया कि जनपद रामपुर में एम्स अस्पताल की स्थापना के लिए आवश्यक धनराशि जल्द से जल्द स्वीकृत की जाए।

रामपुर और आसपास के जिलों को मिलेगा लाभ
सांसद नदवी ने कहा कि रामपुर एक पिछड़ा जिला है, जहां अभी तक न तो कोई एम्स अस्पताल है और न ही मेडिकल कॉलेज। उन्होंने सरकार को याद दिलाया कि रामपुर, बरेली, सम्भल, मुरादाबाद और रुद्रपुर (उधमसिंहनगर) जैसे जिलों के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली स्थित एम्स पर निर्भर रहना पड़ता है। इससे न सिर्फ मरीजों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, बल्कि दिल्ली एम्स पर भी अतिरिक्त दबाव बढ़ता है।
गरीबों के लिए इलाज बना चुनौती
नदवी ने कहा कि रामपुर और आसपास के इलाकों में कोई बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं होने के कारण गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का सामना करना पड़ता है। यदि रामपुर में एम्स अस्पताल स्थापित हो जाता है तो न केवल इस क्षेत्र के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि उन्हें सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज भी उपलब्ध होगा।
सरकार से जल्द निर्णय लेने की अपील
सांसद ने अपने संबोधन में कहा, “रामपुर और आसपास के करोड़ों लोग एम्स अस्पताल की मांग कर रहे हैं। सरकार को इस दिशा में जल्द निर्णय लेना चाहिए ताकि पिछड़े इलाकों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।”
मीडिया प्रभारी ने दी जानकारी
इस संबंध में जानकारी देते हुए सांसद के मीडिया प्रभारी और लीगल एडवाइजर महबूब अली पाशा (एडवोकेट) ने कहा कि सांसद मोहिबुल्लाह नदवी लगातार इस मुद्दे को संसद में उठा रहे हैं और रामपुर में एम्स अस्पताल की स्थापना के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि सरकार इस महत्वपूर्ण मांग पर कब तक निर्णय लेती है और रामपुर को एम्स अस्पताल की सौगात कब तक मिलती है।