बागपत जिले के बिजरौल गांव में एक दुल्हन ने शादी के चंद घंटे पहले ऐसा कदम उठाया जिसने सबका ध्यान खींच लिया। शादी की तैयारियों के बीच बेटी ने अपने पिता की ज़मीन बचाने के लिए अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और धरने पर बैठ गई। मामला दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण से जुड़ा है।

पहले ही अधिग्रहित हो चुकी है ज़मीन, अब फिर कार्रवाई की तैयारी
गांव निवासी देशपाल की करीब 5 एकड़ भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी थी। अब प्रशासन ने उनकी एक और बीघा ज़मीन अधिग्रहित करने की योजना बनाई थी। इसके खिलाफ गांव के लोग और देशपाल का परिवार लगातार विरोध कर रहे थे।
शादी के दिन पहुंची टीम, दुल्हन ने संभाला मोर्चा
इसी बीच 14 अप्रैल को देशपाल की बेटी वंशिका की शादी थी। बारात आने वाली थी कि अचानक खबर मिली कि एनएचएआई की टीम पुलिस बल के साथ जमीन पर कार्रवाई के लिए पहुंच रही है। यह सुनकर वंशिका खुद मौके पर पहुंच गई और शादी की सजी दुल्हन होने के बावजूद धरने पर बैठ गई।
वंशिका ने अफसरों से आग्रह किया कि,
“16 अप्रैल को आपत्ति की सुनवाई तय है, तब तक कार्रवाई रोकी जाए। आज मेरी शादी है, कृपया शांति बनाए रखें।”
अफसर की कथित धमकी से भड़के लोग
धरने के दौरान एक सरकारी इंजीनियर द्वारा वंशिका को कथित तौर पर धमकी देने का मामला सामने आया। उन्होंने कहा:
“चुपचाप अपनी शादी करा लो, वरना ऐसी शादी कराएंगे कि जिंदगी भर याद रखोगी।”
यह सुनते ही वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो उठे और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। हालात बिगड़ते देख पुलिस को दखल देना पड़ा और अफसरों को कार्रवाई रोके बिना लौटना पड़ा।
शादी और संघर्ष दोनों में जीती वंशिका
धरने के बाद वंशिका अपने परिवार के साथ घर लौटी और शादी की सभी रस्में पूरी कीं। यह घटना केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष नहीं, बल्कि प्रशासनिक अन्याय के खिलाफ एक आम नागरिक की साहसिक आवाज बन गई।