हल्द्वानी: झूठा निकला युवक पर दुष्कर्म का आरोप, बरी

मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी


हल्द्वानी स्थित विशेष पॉक्सो अदालत ने वर्ष 2022 के चर्चित मामले में आरोपी दानिश पुत्र रईस अहमद को दोषमुक्त करार दिया है। आरोपी की पैरवी कर रहे अधिवक्ता चंदन बोहरा ने बताया कि न्यायालय ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर दानिश को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया है।

क्या था मामला?

अधिवक्ता बोहरा के अनुसार, सितंबर 2022 में रामनगर कोतवाली में एक महिला द्वारा तहरीर दी गई थी कि उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर रामनगर ले जाया गया, जहां आरोपी दानिश ने कथित तौर पर एक घर में ले जाकर बलात्कार किया। इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3) और पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

साक्ष्य और अदालत की कार्यवाही

मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 6 गवाह पेश किए गए। इनमें पीड़िता, उसकी मां, मेडिकल अधिकारी, स्कूल प्राचार्य एवं विवेचक शामिल थे।
अधिवक्ता बोहरा ने बताया कि पीड़िता ने न्यायालय में स्पष्ट रूप से बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से रामनगर गई थी और आरोपी ने उसके साथ कोई गलत हरकत नहीं की। मेडिकल रिपोर्ट में भी बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई। साथ ही पीड़िता की मां ने भी यह स्वीकार किया कि उसने पुलिस द्वारा लिखवाई गई रिपोर्ट बिना पढ़े ही साइन की थी।

फैसले की अहम बातें

विशेष न्यायाधीश सुधीर तोमर ने कहा कि चूंकि अभियोजन आरोपी के विरुद्ध ठोस और विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका, इसलिए संदेह का लाभ देते हुए आरोपी दानिश को दोषमुक्त किया जाता है।

अधिवक्ता चंदन बोहरा ने क्या कहा?

अधिवक्ता चंदन बोहरा ने बताया, “यह फैसला सच्चाई की जीत है। आरोपी के खिलाफ झूठा और बिना आधार का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें न्यायालय ने निष्पक्षता से सुनवाई करते हुए न्याय किया है।

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