नैनीताल दुष्कर्म आरोपी के घर पर बुलडोजर नोटिस पर हाईकोर्ट सख्त

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी मो. उस्मान के घर पर नगर पालिका द्वारा जारी ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ दाखिल याचिका पर शुक्रवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए एसएसपी नैनीताल और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से इंस्ट्रक्शन तलब किए।

याचिकाकर्ता – आरोपी की पत्नी – ने 1 मई 2025 को जारी ध्वस्तीकरण नोटिस को चुनौती देते हुए कहा कि उनके घर को गिराने की तैयारी हो रही है और उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है। अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष मेंशन किया।

“क्या सुप्रीम कोर्ट का आदेश आपके लिए लागू नहीं?” – हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “क्या सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय कानून नहीं है? क्या यह आदेश आप पर लागू नहीं होता?” कोर्ट ने गाड़ी पड़ाव क्षेत्र में दुकानों की तोड़फोड़ की घटना पर भी नाराजगी जताई।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “दूसरों की दुकानों को कैसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है? पुलिस भीड़ के पीछे खड़ी दिख रही है, फिर भी भीड़ को नियंत्रण में क्यों नहीं लिया गया?”

वकीलों के विरोध और हिंसा पर भी सवाल
कोर्ट ने आरोपी को हल्द्वानी न्यायालय में पेश करने के दौरान हुई वकीलों की हिंसक प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाए। न्यायालय ने कहा, “जब आरोपी को पेश किया गया तो अधिवक्ता ने विरोध क्यों किया? वकील उसे पीटने क्यों दौड़े? कैसे कोई वकील किसी अन्य वकील को केस की पैरवी करने से रोक सकता है?” कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस सतर्क रहती तो यह घटना नहीं होती।

सरकारी पक्ष का जवाब, अदालत की नाराजगी
सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि नोटिस में केवल तीन दिनों में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है, और बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नोटिस केवल आरोपी को ही जारी नहीं किया गया है।

इस पर मुख्य न्यायाधीश जे. नरेंद्र ने नाराजगी जताते हुए पूछा, “क्या यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं है? क्या आपके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया जाए? सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या आप पर लागू नहीं होता, जिसे आप नहीं मानते?”

कोर्ट ने आदेश दिया कि न्यायालय के उठने से पहले एसएसपी और अधिशासी अधिकारी से इंस्ट्रक्शन पेश किए जाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!