मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
हल्द्वानी स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट आदर्श त्रिपाठी की अदालत ने बहुचर्चित चेक बाउंस मामले में आरोपी माधव सिंह को दोषमुक्त करार देते हुए मुकदमे का पटाक्षेप कर दिया। यह मामला वर्ष 2021 में परिवादी नितिन शर्मा द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप था कि आरोपी ने ₹3.50 लाख की रकम उधार लेकर भुगतान हेतु चेक दिया, जो बाउंस हो गया था।
क्या था मामला?
परिवादी नितिन शर्मा ने आरोप लगाया था कि आरोपी माधव सिंह ने जुलाई 2021 में पारिवारिक कारणों से ₹3,50,000 की राशि उधार ली थी। अगस्त 2021 में भुगतान के लिए आरोपी ने बैंक ऑफ बड़ौदा का एक हस्ताक्षरित चेक (संख्या 000018) प्रदान किया, जो कि बाद में बैंक द्वारा “पर्याप्त धनराशि न होने” के कारण अनादृत कर दिया गया।
इसके पश्चात परिवादी ने विधिक नोटिस भेजा, लेकिन भुगतान न मिलने पर 28 अक्टूबर 2021 को न्यायालय में फौजदारी परिवाद संख्या 5308/2021 अंतर्गत धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के तहत परिवाद दर्ज कराया।
दोषमुक्ति का आधार
माधव सिंह की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता चंदन सिंह बोहरा ने दलीलों में यह स्पष्ट किया कि यह लेनदेन व्यक्तिगत था और परिवादी द्वारा प्रस्तुत आरोपों के समर्थन में कोई ठोस दस्तावेज़ी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए गए।
अधिवक्ता चंदन बोहरा ने कहा:
“यह मामला पूरी तरह से आरोपों और मौखिक कथनों पर आधारित था। अदालत ने तथ्यों और साक्ष्यों का निष्पक्ष मूल्यांकन करते हुए यह स्पष्ट पाया कि अभियुक्त के विरुद्ध अपराध प्रमाणित नहीं होता है। यह निर्णय न्याय की सच्ची जीत है।”
न्यायालय का आदेश
सिविल जज (जू.डि.) व न्यायिक मजिस्ट्रेट आदर्श त्रिपाठी ने अपने निर्णय में कहा कि अभियुक्त माधव सिंह के विरुद्ध लगाए गए आरोप संदेह से परे प्रमाणित नहीं हो पाए, इसलिए उन्हें दोषमुक्त किया जाता है।
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिए:
- अभियुक्त के जमानतनामे व बंधपत्र अगले छह माह तक प्रभावी रहेंगे।
- ₹3.50 लाख के नकद लेनदेन की सूचना आयकर विभाग को सुसंगत दस्तावेजों सहित भेजी जाए।
- निर्णय को NJDG पोर्टल पर अपलोड किया जाए।
📌 फैसले की मुख्य बातें:
- अभियुक्त माधव सिंह दोषमुक्त घोषित
- परिवादी के आरोप साक्ष्यों से पुष्ट नहीं
- आयकर विभाग को सूचना भेजने का आदेश
- चेक बाउंस मामला, लेकिन धोखाधड़ी साबित नहीं हुई
जन वार्ता न्यूज़ | हल्द्वानी से विशेष रिपोर्ट
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