नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वनभूलपुरा हिंसा के दौरान गोली लगने से हुई फईम की मौत के मामले में CBI जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) से कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी.एस. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक कुमार मेहरा की खंडपीठ ने यह भी आदेश दिया है कि वर्तमान जांच अधिकारी नीरज भाकुनी का स्थानांतरण जिले से बाहर किया जाए। न्यायालय ने कहा कि वह स्वयं इस मामले की जांच की मॉनिटरिंग करेगा।
“खुद ही जांच कर रहे हैं, खुद ही रिपोर्ट दे रहे हैं” – हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में जिस अधिकारी पर निष्पक्ष जांच की जिम्मेदारी है, वही खुद इसकी जांच कर रहा है और अंतिम रिपोर्ट भी खुद ही प्रस्तुत कर रहा है। यह एक “अनोखी जांच” प्रतीत हो रही है, जबकि मामले में हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
फईम के भाई परवेज ने की थी CBI जांच और सुरक्षा की मांग
मृतक फईम के भाई परवेज ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर CBI से जांच कराने की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि नैनीताल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 6 मई 2024 को पुलिस को आदेश दिए थे कि वे अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच करें और रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।
लेकिन अब तक पुलिस ने कोई जांच शुरू नहीं की है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि हिंसा के दौरान फईम की मौत नहीं हुई, बल्कि उसे अज्ञात लोगों ने गोली मारी।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप, परिजनों ने की थी कई बार शिकायत
परिजनों ने घटना के बाद कई बार पुलिस और प्रशासन से जांच की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही जांच शुरू की। मजबूर होकर फईम के परिवार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जन वार्ता न्यूज़ इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, हम आपको हर अपडेट समय-समय पर देते रहेंगे।