हॉस्पिटल या भूत बंगला? टांडा अस्पताल की हालत देख उड़े होश

टांडा (रामपुर): नगर पालिका परिषद टांडा द्वारा संचालित अस्पताल में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर नगर के कई सभासदों और समाजसेवकों ने अधिशासी अधिकारी को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में अस्पताल की बदहाली और व्यवस्थाओं की कमी को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं।

सभासदों के अनुसार, एक सिस्टम मॉडल के तहत जब निरीक्षण के लिए प्रतिनिधिमंडल अस्पताल पहुंचा, तो वहां की स्थिति बेहद दयनीय पाई गई। मौके पर केवल एक बीएएमएस डॉक्टर उपस्थित थे जबकि तीन में से दो स्टाफ कर्मी नदारद थे। अस्पताल में दवाइयों का भी अभाव था और सफाई व्यवस्था बेहद खराब मिली। शौचालयों की स्थिति इतनी खराब थी कि उनका निरीक्षण भी मुश्किल हो गया।

बिजली नहीं, पंखे खराब, सोलर प्लांट बंद

सभासदों ने बताया कि अस्पताल में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप है, पंखे खराब पड़े हैं और सोलर प्लांट पूरी तरह निष्क्रिय है। इतना ही नहीं, अस्पताल का कोई भी जिम्मेदार प्रबंधन अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। सभासदों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह अस्पताल केवल “ऊपर वाले” के भरोसे चल रहा है।


सभासदों और समाजसेवक के बयान

🗣 सभासद एम सगीर ने कहा:
“हमने अपनी आंखों से अस्पताल की हालत देखी है। मरीजों के लिए न तो पर्याप्त दवाइयां हैं और न ही कोई सुविधा। ठेकेदार और पालिका के बीच मिलीभगत से जनता के साथ धोखा हो रहा है।”

🗣 सभासद तस्लीम पहलवान बोले:
“सरकारी धन का खुला दुरुपयोग हो रहा है। अस्पताल में एमबीबीएस डॉक्टर होना जरूरी है, लेकिन यहां सब कुछ ठेके पर छोड़ दिया गया है। हम मांग करते हैं कि जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।”

🗣 समाजसेवक रईस अहमद ने कहा:
“यह अस्पताल जनता की सेवा के लिए है, लेकिन यहां व्यवस्थाएं नाम मात्र की हैं। साफ-सफाई, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। यह गंभीर लापरवाही है।”


फर्जी निरीक्षण और ठेकेदार से सांठगांठ के आरोप

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि नगर पालिका अध्यक्ष के पति द्वारा फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं, जिससे जनता और बोर्ड दोनों को गुमराह किया जा रहा है। सभासदों का आरोप है कि ठेकेदार के साथ मिलकर अस्पताल के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, जबकि अनुबंध की शर्तों के अनुसार अस्पताल में MBBS डॉक्टर की उपस्थिति, समुचित दवाइयों की उपलब्धता और सभी सरकारी सुविधाएं होना अनिवार्य है।


न्यायिक जांच और आवश्यक कार्रवाई की मांग

सभासदों ने अधिशासी अधिकारी से मांग की है कि वे तत्काल इस अस्पताल की न्यायिक जांच कराएं और ठेकेदार पर आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही, किसी योग्य डॉक्टर की तैनाती कराकर अस्पताल को जनहित में क्रियाशील बनाएं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस ज्ञापन को नजरअंदाज किया गया तो वे उच्चस्तरीय कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे।


ज्ञापन देने वालों में शामिल हैं:

एम सगीर, तस्लीम पहलवान, शफीक अहमद, मोहम्मद अय्यूब (सभासद पति), मसरूर अहमद, हाजी हारून (सभासद पति), हाजी अकील राना (सभासद पुत्र), रईस अहमद (समाजसेवक), आसिफ अंसारी आदि।


2 thoughts on “हॉस्पिटल या भूत बंगला? टांडा अस्पताल की हालत देख उड़े होश

  1. लाइट की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा है टांडा को लाइट की सुडौल के हिसाब से लाइट नहीं मिल पा रही है

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