रमजान में रोजा ही नहीं, गरीबों की मदद भी जरूरी – हल्द्वानी के पार्षदों का खास संदेश!

मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी

हल्द्वानी। रमजान उल मुबारक का महीना बरकतों, रहमतों और नेकियों से भरा हुआ होता है। इस्लाम धर्म में इसे सबसे पाक महीना माना जाता है, जिसमें रोजेदार अल्लाह की इबादत में लीन रहते हैं और संयम, दान और परोपकार के जरिए समाज में इंसानियत का संदेश फैलाते हैं। इस मौके पर नगर निगम हल्द्वानी के पार्षदों और पूर्व पार्षद ने सभी रोजेदारों को रमजान की मुबारकबाद दी और इस पाक महीने के महत्व पर अपने विचार साझा किए।

रमजान संयम और सेवा का महीना: उवैस अंसारी

पूर्व पार्षद प्रत्याशी उवैस अंसारी (वार्ड नंबर 24) ने कहा कि रमजान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि यह आत्मशुद्धि, त्याग और दूसरों की मदद करने का महीना है। उन्होंने कहा, “रोजा हमें यह सिखाता है कि जब हम खुद भूख और प्यास सहते हैं, तो हमें गरीब और जरूरतमंद लोगों की तकलीफों का एहसास होता है। इस महीने में हमें ज्यादा से ज्यादा दान देना चाहिए, गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करनी चाहिए और उनके चेहरों पर खुशी लाने का प्रयास करना चाहिए।”

रमजान मोहब्बत और भाईचारे का महीना: सीमा इकराम

नगर निगम हल्द्वानी की पार्षद सीमा इकराम (वार्ड नंबर 25) ने कहा कि रमजान हमें संयम और सद्भाव की सीख देता है। उन्होंने कहा, “रमजान केवल इबादत का नहीं, बल्कि समाज में आपसी प्रेम, सौहार्द और एकता को मजबूत करने का भी महीना है। इस दौरान हमें अपने गुस्से, ईर्ष्या और नफरत को छोड़कर प्यार और भाईचारे का संदेश फैलाना चाहिए। रोजा केवल शारीरिक तपस्या नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि का जरिया भी है।” उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि इस महीने में एक-दूसरे की मदद करें और गरीबों की आवश्यकताओं का ध्यान रखें।

इबादत के साथ इंसानियत का भी महीना: रईस अहमद गुड्डू वारसी

हल्द्वानी के पार्षद रईस अहमद गुड्डू वारसी (वार्ड नंबर 59) ने रमजान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “रमजान हमें इबादत और इंसानियत का पैगाम देता है। यह हमें सिखाता है कि दूसरों के दर्द को महसूस करें और उनकी सहायता करें।” उन्होंने कहा कि इस महीने में रोजे रखने से न केवल आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि यह हमें धैर्य और सहनशीलता की ताकत भी देता है। उन्होंने कहा कि रोजा हमें यह एहसास कराता है कि दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो हर दिन भूखे सोते हैं, इसलिए हमें उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।

सब्र, सहनशीलता और दुआओं का महीना: शाहजहां बेगम

नगर निगम हल्द्वानी की पार्षद शाहजहां बेगम (वार्ड नंबर 23) ने कहा कि रमजान हमें धैर्य और सहनशीलता सिखाने के साथ-साथ परोपकार और इंसानियत की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, “रमजान का महीना सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी इबादत करने का है। यह हमें अपने अंदर के अहंकार, गुस्से और बुराइयों को खत्म करने का अवसर देता है। इस महीने में अल्लाह अपने बंदों की दुआओं को कुबूल करता है, इसलिए हमें खुद के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए अमन-चैन की दुआ करनी चाहिए।”

जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं

हल्द्वानी के इन जनप्रतिनिधियों ने एक सुर में कहा कि रमजान केवल खुद की आत्मशुद्धि का महीना नहीं, बल्कि यह समाज के जरूरतमंद तबके की मदद करने का भी अवसर है। उन्होंने अपील की कि इस पवित्र महीने में सभी लोग ज्यादा से ज्यादा दान करें, जरूरतमंदों को भोजन कराएं और अपने आसपास ऐसे लोगों का ध्यान रखें जिन्हें सहायता की जरूरत हो।

“रमजान हमें सिखाता है कि अल्लाह की इबादत के साथ-साथ उसकी बनाई हुई मखलूक की सेवा भी जरूरी है। हमें इस महीने में गरीबों, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों की मदद करने का जज्बा रखना चाहिए। यह महीना हमें अपने अंदर की बुराइयों को छोड़कर अच्छाई की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।” – (उवैस अंसारी, पूर्व पार्षद)

रमजान पर भाईचारे का पैगाम

हल्द्वानी के इन जनप्रतिनिधियों ने सभी से अपील की कि रमजान के इस पाक महीने में सभी लोग अपने रिश्तों को और मजबूत करें, गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करें और समाज में मोहब्बत व भाईचारे का संदेश फैलाएं। उन्होंने कहा कि रमजान का असली मकसद सिर्फ रोजे रखना नहीं, बल्कि इंसानियत को बढ़ावा देना, बुराइयों को छोड़ना और नेक कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है।

रमजान उल मुबारक की पाक बरकतें सभी पर बनी रहें, इसी दुआ के साथ उन्होंने सभी को रमजान की दिली मुबारकबाद दी।

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