बागेश्वर खड़िया खनन मामला: 55 खदानों पर कार्रवाई, 10 मार्च को होगी अगली सुनवाई

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के दौरान बागेश्वर के एसएसपी ने न्यायालय को अवगत कराया कि अब तक 55 खदानों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जबकि शेष खदानों पर जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।

खंडपीठ ने एसएसपी को निर्देश दिया है कि वे बाकी खदानों का जल्द निरीक्षण कर सोमवार तक रिपोर्ट पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च को निर्धारित की गई है।

क्या है मामला?

बागेश्वर निवासी हीरा सिंह पपोला ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कपकोट तहसील के रीमा घाटी, गुलाम प्रगड और भीयूँ गांव में सरकार द्वारा खनन पट्टा दिया गया, जिसके बाद खनन माफियाओं ने अंधाधुंध खनन शुरू कर दिया।

याचिकाकर्ता का कहना है कि खनन के कारण गांवों में जल स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा, खदान संचालकों ने खनिज बाहर ले जाने के लिए वन भूमि में अवैध रूप से सड़कें भी बना लीं। इस अनियंत्रित खनन से स्थानीय पर्यावरण और ग्रामीणों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।

55 खदानों पर हो चुकी है कार्रवाई

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि अब तक 55 खदानों पर कार्रवाई हो चुकी है, जबकि अन्य खदानों पर भी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और आगामी सुनवाई 10 मार्च को होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!