नई दिल्ली। देश आज एक ऐतिहासिक श्रमिक आंदोलन की ओर बढ़ रहा है। 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनसे जुड़े संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई, मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है।
ट्रेड यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में लगभग 25 करोड़ श्रमिक भाग लेंगे, जिससे बैंकिंग, बीमा, डाक, परिवहन, बिजली, खनन और निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
क्या हैं ट्रेड यूनियनों की मुख्य मांगें?
- केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चारों लेबर कोड को तत्काल वापस लिया जाए
- सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए
- मनरेगा जैसे ग्रामीण रोजगार कार्यक्रमों को मजबूत किया जाए
- न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाए
हड़ताल का दायरा कितना बड़ा?
इस राष्ट्रव्यापी बंद में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), सीटू (CITU), इंटक (INTUC), हिंद मजदूर सभा (HMS) जैसे संगठनों के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और कृषि श्रमिक यूनियनें भी शामिल हैं।
AITUC की महासचिव अमरजीत कौर के मुताबिक, यह आंदोलन सिर्फ शहरी श्रमिकों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत के मजदूर और किसान भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन में भाग लेंगे।
कहां-कहां पड़ेगा असर?
1. बैंकिंग और बीमा क्षेत्र
- सरकारी और सहकारी बैंक बंद रहने की संभावना
- बीमा कंपनियों, खासकर LIC के कार्यालयों में कामकाज बाधित रहेगा
2. डाक सेवाएं
- देशभर में डाकघर आंशिक या पूर्ण रूप से बंद रह सकते हैं
3. परिवहन व्यवस्था
- कई राज्यों में रोडवेज और राज्य परिवहन सेवाएं प्रभावित होंगी
- खासकर महानगरों और औद्योगिक क्षेत्रों में बस सेवाओं पर असर
4. बिजली आपूर्ति पर असर
- बिजली विभाग के 27 लाख कर्मचारी हड़ताल में शामिल
- कई राज्यों में पावर कट या बिजली आपूर्ति में रुकावट की आशंका
क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा?
सेवा | स्थिति |
---|---|
सरकारी बैंक | बंद |
बीमा कंपनियां | बंद |
पोस्ट ऑफिस | बाधित |
रोडवेज बसें | आंशिक/पूर्ण बंद |
रेलवे, टूरिज्म | सामान्य |
निजी दफ्तर | खुले रह सकते हैं |
स्कूल/कॉलेज | सामान्य रूप से खुले |
ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखेगा बंद का असर
संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि मजदूर संगठनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रैलियों, सभा और सड़क जाम जैसी रणनीतियां अपनाई जाएंगी।
यह पहली बार है जब मजदूर और किसान एक साथ मंच साझा कर रहे हैं, जिससे आंदोलन की गूंज देश के कोने-कोने तक पहुंचने की उम्मीद है।
सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
अब तक केंद्र सरकार की ओर से इस बंद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हालांकि सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है और राज्यों को आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जनता के लिए सुझाव
- बैंकिंग, पोस्टल और यात्रा संबंधी काम आज न करें
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है, वैकल्पिक व्यवस्था रखें
- आवश्यक सेवाओं की जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन से अपडेट लेते रहें
📍 यह हड़ताल केवल मजदूरों की नहीं, बल्कि किसानों और आम नागरिकों की आवाज भी है — एकजुटता का प्रदर्शन आज देशभर में देखा जाएगा।