बनभूलपुरा दंगा: हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बनभूलपुरा दंगा मामले में प्रमुख आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मुख्य साजिशकर्ता माने जा रहे अब्दुल मलिक और अब्दुल मोईद को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है। वहीं, आरोपियों निज़ाम, शारिक सिद्दीकी और तस्लीम की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली गई है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

आरोपियों की दलीलें

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि निज़ाम, शारिक और तस्लीम का दंगे से कोई लेना-देना नहीं है। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वे घटना के बाद से ही जेल में बंद हैं। इन तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने फिलहाल जमानत पर निर्णय सुरक्षित रखा है।

सरकार की आपत्तियाँ

सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि मुख्य साजिशकर्ता और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, ऐसे में उन्हें जमानत के लिए सेशन कोर्ट से संपर्क करना चाहिए। हालांकि, आरोपियों की ओर से यह तर्क रखा गया कि चूंकि चार्जशीट समय पर दाखिल नहीं हुई, इसलिए उन्हें डिफॉल्ट बेल का लाभ मिलना चाहिए। साथ ही, यह भी कहा गया कि समान आरोपों में उच्च न्यायालय पहले ही कई अन्य आरोपियों को जमानत दे चुका है।

पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि बनभूलपुरा दंगे में कई नागरिकों को चोटें आई थीं और सरकारी संपत्तियों को नुकसान हुआ था। इस मामले में अब तक 50 से अधिक आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता और उसके सहयोगियों की जमानत याचिकाओं पर अदालत का फैसला आना अभी बाकी है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!