शिक्षकों की लड़ाई में ढाल बने विधायक सुमित हृदयेश, दिया बड़ा बयान

हल्द्वानी, 21 सितम्बर 2025 | जन वार्ता न्यूज़

हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने कहा है कि वह शिक्षकों की जायज़ मांगों को पूरी मजबूती से सदन और कैबिनेट में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करना सरकार और प्रतिनिधियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

शिक्षकों का शिष्टमंडल मिला विधायक से

रविवार को राजकीय एल.टी. समायोजित/पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच उत्तराखण्ड का शिष्टमंडल विधायक आवास पर पहुँचा और अपनी मांगों से उन्हें अवगत कराया। इस दौरान प्रतिनिधियों ने अधीनस्थ शिक्षा प्रशिक्षित (एल.टी.) सेवा नियमावली 2014, संशोधित नियमावली 2019 और वर्ष 2024 में प्रस्तावित संशोधनों पर विस्तार से चर्चा की और ज्ञापन सौंपा।

शिष्टमंडल की प्रमुख मांगें

  • नियमावली में “पदोन्नति” शब्द के स्थान पर “समायोजन” शब्द जोड़ा जाए।
  • वर्ष 2009 से पूर्व की सेवा अवधि को नियमावली में शामिल किया जाए।
  • वर्ष 2024 में प्रस्तावित संशोधनों को शीघ्र कैबिनेट से पारित कर शासनादेश जारी किया जाए।

विधायक का आश्वासन

विधायक सुमित हृदयेश ने शिक्षकों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए कहा –

👉 “शिक्षकों की मांगें न्यायसंगत और तर्कसंगत हैं। मैं स्वयं इन्हें कैबिनेट और सदन में मजबूती से उठाऊंगा। शासन स्तर पर प्रभावी हस्तक्षेप कर शिक्षकों को न्याय दिलाने का हरसंभव प्रयास करूंगा।”

उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक समाज की असली धरोहर हैं, नई पीढ़ी का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित है। यदि शिक्षक संतुष्ट और सशक्त होंगे तो शिक्षा व्यवस्था स्वतः मजबूत होगी।

बैठक में मौजूद लोग

इस अवसर पर दिगम्बर फ़ुलोरिया, कैलाश चंद्र पांडे, शिवराज सिंह बनकोटी, गणेश जोशी, रमेश चंद्र जोशी, मदन गिरी गोस्वामी, मनोज बनकोटी, आलोक परिहार, कैलाश चंद्र भट्ट, रविन्द्र कुमार, नवीन चंद्र जोशी, नवीन बृजवासी, मीना बिष्ट, ललित मोहन शाही, तीर्थ प्रकाश पाठक, उमेश जोशी आदि मौजूद रहे।


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