मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
हल्द्वानी। फास्ट ट्रैक कोर्ट/स्पेशल पोक्सो जज मन मोहन सिंह (एच.जे.एस.) की अदालत ने बहुचर्चित पोक्सो केस में आरोपी अमन खान उर्फ मन्नत खान पुत्र मोहम्मद इल्यास, निवासी बद्रीपुरा काठगोदाम को सभी गंभीर आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है।
मामला क्या था?
थाना काठगोदाम क्षेत्र में वर्ष 2023 में दर्ज एफआईआर (संख्या-124/2023) में आरोपी अमन खान पर नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने, छेड़छाड़ और दुष्कर्म करने के आरोप लगाए गए थे। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ धारा 376, 354(घ), 363, 366 आईपीसी एवं धारा 3/4 और 11/12 पोक्सो एक्ट के अंतर्गत आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था।
गवाहों ने नहीं दिया साथ
अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़िता, उसकी मां, पिता और अन्य गवाहों ने अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया। वहीं, डीएनए रिपोर्ट में भी आरोपी के खिलाफ कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिला। पीड़िता ने भी अदालत में यह स्वीकार नहीं किया कि आरोपी ने उसके साथ कोई गलत काम किया हो।
अधिवक्ता रविन्द्र सिंह (रवि) का बयान
आरोपी पक्ष के अधिवक्ता रविन्द्र सिंह (रवि) व बसन्ती गड़िया ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने में असफल रहा। उन्होंने कहा –
“माननीय न्यायालय ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों का गहन अध्ययन करने के बाद अमन खान को बरी किया है। यह न्याय और निष्पक्षता की जीत है।”
अदालत का फैसला
अदालत ने आरोपी अमन खान को सभी आरोपों से बरी करते हुए उसके जमानत बंधपत्र निरस्त कर जमानतदारों को दायित्व से मुक्त कर दिया।
📌 जन वार्ता न्यूज़ की राय
यह फैसला इस बात की ओर संकेत करता है कि अदालत किसी भी मामले में केवल ठोस साक्ष्यों और विश्वसनीय गवाहियों के आधार पर ही निर्णय देती है। अभियोजन पक्ष के कमजोर साक्ष्य और गवाहों के मुकर जाने से आरोपी को संदेह का लाभ मिला।
