उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराखंड निवास के कक्ष आरक्षण को लेकर जारी शासनादेश में संशोधन के निर्देश दिए। अब दिल्ली में बने नए उत्तराखंड निवास में केवल नेताओं और अधिकारियों के लिए ही ठहरने की सुविधा नहीं होगी। सीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस निवास में आम व्यक्ति को भी कक्ष उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाई जाए, बशर्ते उपलब्धता हो। इसके अलावा, ठहरने की दरों का पुनर्निर्धारण भी किया जाएगा।
पहले जारी शासनादेश के मुताबिक, दिल्ली स्थित उत्तराखंड निवास में केवल उच्च स्तर के अधिकारी, नेता, और विशिष्ट व्यक्ति ठहरने के पात्र थे। इनमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक, न्यायधीश, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। अपर सचिवों से लेकर आम जनता तक के लिए ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं थी।
सीएम धामी ने इस पर संज्ञान लेते हुए इसे तुरंत संशोधित करने के निर्देश दिए। अब, राज्य या सरकारी विभागों के लिए बैठकें निशुल्क आयोजित की जा सकेंगी। जबकि निगमों और समितियों के लिए बैठक का शुल्क 15,000 रुपये प्रति कार्यक्रम होगा और अन्य के लिए यह शुल्क 35,000 रुपये प्रति कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।