मुख्य संपादक – सैफ अली सिद्दीकी
हल्द्वानी। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, हल्द्वानी सुजीत कुमार की अदालत ने काठगोदाम हत्याकांड में आरोपी पिता-पुत्र सलीम अंसारी और मोहम्मद शाह आलम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों को हत्या, हत्या के प्रयास, घर में घुसकर हमला करने, गाली-गलौज और धमकी देने जैसी धाराओं में दोषसिद्ध पाया। यह फैसला सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देव सिंह मेहरा की ओर से मजबूत पैरवी के बाद सुनाया गया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देव सिंह मेहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर 2021 को काठगोदाम क्षेत्र में यह सनसनीखेज घटना घटी थी।
वादिनी नसरीन जहां ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उनका बेटा सलमान ने आरोपी सलीम अंसारी की सौतेली बेटी से प्रेम विवाह किया था। इस निकाह का विरोध सलीम और उसका बेटा शाह आलम कर रहे थे।
घटना के दिन दोनों ने सलमान और उसकी पत्नी कायनात पर हमला किया। बाद में घर में घुसकर कायनात को बुरी तरह पीटा गया और मोहम्मद शाह आलम ने चाकू से उसका गला रेतकर हत्या कर दी, जबकि सलीम ने उसे पकड़े रखा। इस दौरान मोहल्ले के लोगों को डराने के लिए सलीम ने फायरिंग भी की थी।
अदालत का आदेश
अदालत ने दोनों आरोपियों को निम्न सजाएं सुनाई:
- धारा 302/34 (हत्या): उम्रकैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माना
- धारा 307/34 (हत्या का प्रयास): 7-7 साल कठोर कारावास व 5-5 हजार रुपये जुर्माना
- धारा 452 (घर में घुसकर हमला): 2-2 साल कारावास व 1-1 हजार रुपये जुर्माना
- धारा 504 (गाली-गलौज): 6-6 माह कारावास व 500-500 रुपये जुर्माना
- धारा 506 (धमकी देना): 2-2 साल कारावास व 500-500 रुपये जुर्माना
- धारा 4/25 आयुध अधिनियम (केवल शाह आलम पर): 2 साल कारावास और 500 रुपये जुर्माना
अदालत ने आदेश दिया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा।
गवाहों की गवाही से मजबूत हुआ केस
अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 9 गवाह पेश किए। गवाहों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया।
अपील का अधिकार
अदालत ने दोषियों को उनके अपील के अधिकार से भी अवगत कराया है। यदि वे चाहें तो इस फैसले के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं।