यहया कमाल
टांडा नगर पालिका की चेयरमैन साहिबा सरफराज और उनके पति व प्रतिनिधि हाजी सरफराज पर अब राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों ने उन पर भाजपा की सदस्यता का झूठा दावा करने और पार्टी के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

भाजपा टांडा मंडल अध्यक्ष रोहित सैनी ने साफ कहा कि —
“साहिबा सरफराज और उनके पति हाजी सरफराज भाजपा के सदस्य नहीं हैं। यदि वे खुद को भाजपा से जुड़ा बताते हैं तो अपना सदस्यता नंबर और प्रमाण पत्र सार्वजनिक करें।”
उन्होंने कहा कि दोनों न तो किसी पार्टी मीटिंग में शामिल होते हैं और न ही भाजपा की किसी भी गतिविधि में भाग लेते हैं।
“जो लोग भाजपा का नाम लेकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं, वे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। भाजपा अनुशासित पार्टी है, और फर्जी सदस्यता के नाम पर राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” — रोहित सैनी ने कहा।
भाजपा नेताओं के साथ पोस्टर में दिखे हाजी सरफराज — सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप
इस विवाद को तब और हवा मिली जब सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हुआ, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हाजी सरफराज की तस्वीर भी prominently दिखाई दी।
पोस्टर पर भाजपा का चिन्ह (कमल) और पार्टी के नारों का प्रयोग किया गया है।

स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब हाजी सरफराज भाजपा के सदस्य ही नहीं हैं, तो उन्होंने भाजपा के नेताओं की तस्वीरें और चिन्ह अपने प्रचार में क्यों इस्तेमाल किए?
यह भाजपा के आचार संहिता और संगठनात्मक अनुशासन का खुला उल्लंघन है।
🗣️ कांग्रेस के जिला महासचिव फुरकान इरफानी का पलटवार
इस पूरे मामले पर कांग्रेस जिला महासचिव फुरकान इरफानी ने भी जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा —
“अगर साहिब सरफराज और हाजी सरफराज भाजपा के सदस्य नहीं हैं और फिर भी वे भाजपा नेताओं की तस्वीरों व चिन्ह का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह पूरी तरह फर्जी और भ्रामक प्रचार है।
जनता को समझना चाहिए कि ऐसे लोग सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए हर पार्टी का नाम इस्तेमाल करते हैं।”
उन्होंने भाजपा से भी सवाल किया कि जब ऐसे पोस्टर खुलेआम लगाए जा रहे हैं, तो पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी मौन क्यों हैं?
🔥 स्थानीय स्तर पर गहराया विवाद
इस मुद्दे ने टांडा नगर में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जिला नेतृत्व से कार्रवाई की मांग की है।
⚙️ संगठन और जनता दोनों में बढ़ी नाराजगी
एक तरफ भाजपा कार्यकर्ता इसे पार्टी अनुशासन का अपमान बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आम जनता में भी यह चर्चा जोरों पर है कि क्या नगर पालिका के पद पर बैठे लोग अपने फायदे के लिए राजनीतिक प्रतीकों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर तब जब जनता के बीच नेताओं की साख और विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
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